उत्तराखंड के शहरों में कूड़ा प्रबंधन में तकनीकी क्रांति, AI आधारित VLTS सिस्टम जल्द होगा लागू
Technological revolution in waste management in the cities of Uttarakhand, AI based VLTS system will be implemented soon

देहरादून: उत्तराखंड सरकार शहरी स्वच्छता को तकनीकी रूप देने की दिशा में बड़ी पहल करने जा रही है। शहरी विकास विभाग राज्य के सभी नगर निकायों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (VLTS) लागू करने की योजना बना रहा है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक पर आधारित होगा। यह प्रणाली फिलहाल परीक्षण चरण में है, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि इसके पूर्ण क्रियान्वयन से कूड़ा प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।
रियल टाइम निगरानी से बढ़ेगी कार्यक्षमता
VLTS के अंतर्गत प्रत्येक कूड़ा वाहन में GPS उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे उनकी वास्तविक समय में स्थिति, रुकावटें, समय और गति की जानकारी एक सेंट्रल डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगी। इससे नगर निकाय यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि कूड़ा वाहन तय समय और मार्ग पर संचालित हो रहे हैं या नहीं।
AI डाटा से बनेगी स्मार्ट रणनीति
सिस्टम के साथ एक एडवांस AI एल्गोरिदम भी जोड़ा जा रहा है, जो एकत्रित डेटा का विश्लेषण करेगा। इससे कूड़ा संग्रहण की नियमितता, अनियमितताओं की पहचान, ईंधन की खपत, और सफाई कार्यों की योजना को बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकेगा। यह तकनीक न केवल नगर निकायों की जवाबदेही बढ़ाएगी, बल्कि नागरिकों के अनुभव को भी बेहतर बनाएगी।
स्वच्छता में नई पारदर्शिता
शहरी विकास विभाग के अपर निदेशक ललित नारायण मिश्रा के अनुसार, इस तकनीक से अब आम लोग भी मोबाइल ऐप या पोर्टल पर देख सकेंगे कि उनके वार्ड में कूड़ा गाड़ी कब पहुंचेगी। इससे समय पर कूड़ा सौंपना आसान होगा और अव्यवस्था कम होगी।
साधारण नागरिकों को भी होगा लाभ
VLTS विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार साबित होगा जो कामकाजी हैं या अकेले रहते हैं। अब उन्हें यह जानने की सुविधा होगी कि उनके क्षेत्र में कूड़ा गाड़ी किस समय आएगी, जिससे वे खुद को व्यवस्थित कर सकेंगे।
ईंधन और संसाधनों की बचत
रियल टाइम मॉनिटरिंग से प्रशासन यह भी जान पाएगा कि कितने किलोमीटर में कितना ईंधन खर्च हुआ और गाड़ी का संचालन कितना प्रभावी रहा। इससे फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी और संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
सिस्टम के प्रमुख घटक
VLTS सिस्टम में कई स्तर शामिल होंगे—डैशबोर्ड, मास्टर एडमिन, नगर निकाय एडमिन, मॉनिटरिंग टीम, फील्ड सुपरवाइजर, ड्राइवर/हेल्पर और कंट्रोल रूम ऑपरेटर। हर स्तर पर जवाबदेही और निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
शहरी विकास की नई दिशा
यह पहल उत्तराखंड के शहरी विकास में एक मील का पत्थर बन सकती है। न केवल आधुनिक तकनीक को अपनाकर नगर निकायों की कार्यशैली में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिलेंगी। यह तकनीकी क्रांति राज्य के लिए स्वच्छता और स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में एक ठोस कदम है।