नैनीताल से कैंची धाम तक प्रस्तावित रोपवे: आस्था और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, पर्यटकों के लिए यात्रा होगी सुगम
Proposed ropeway from Nainital to Kainchi Dham, Faith and tourism will get a new dimension, travel will be easy for tourists

नैनीताल, उत्तराखंड: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में धार्मिक आस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल की जा रही है। बाबा नीब करौरी महाराज के सुप्रसिद्ध कैंची धाम तक पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अब नैनीताल से कैंची धाम तक रोपवे निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिला पर्यटन विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार कर राज्य पर्यटन विभाग को भेज दी है।
कम समय में तय होगा सफर, बढ़ेगी सुविधाएं
वर्तमान में नैनीताल से कैंची धाम की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 17 किलोमीटर है, जिसे विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले दिनों में तय करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। प्रस्तावित रोपवे परियोजना के अंतर्गत नैनीताल के हनुमानगढ़ क्षेत्र से कैंची धाम तक सीधा और सुरक्षित रोपवे मार्ग तैयार किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को कम समय में यात्रा का लाभ मिलेगा और पर्यटकों के लिए यह यात्रा सुविधाजनक व आकर्षक बन सकेगी।
पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी के अनुसार, स्थानीय होटल व्यवसायियों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की ओर से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि बाबा नीब करौरी महाराज के आश्रम तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाए। यह रोपवे इस दिशा में एक प्रभावी और ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
पर्यटन और आस्था का समन्वय
इस परियोजना से नैनीताल का पर्यटन व्यवसाय नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। रोपवे के जरिए न केवल श्रद्धालु सुगमता से कैंची धाम पहुंच सकेंगे, बल्कि पर्यटक भी प्रकृति की गोद में रोमांच और आध्यात्म का अनुभव कर सकेंगे। पहाड़ियों, घाटियों और हरियाली से भरपूर इस मार्ग से यात्रा करते समय पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
यह रोपवे विशेष रूप से उन विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा जो बाबा नीब करौरी महाराज के अनुयायी हैं और हर साल बड़ी संख्या में कैंची धाम आते हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं का ध्यान
परियोजना की लागत का मूल्यांकन किया जा रहा है, जो करोड़ों रुपये में हो सकती है। प्रस्तावित मार्ग के लिए तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण, भू-सर्वेक्षण और पर्यावरणीय अध्ययन जल्द कराया जाएगा। परियोजना के क्रियान्वयन से पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक होगी, क्योंकि यह क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील है।
प्रस्ताव में यह सुनिश्चित किया गया है कि रोपवे निर्माण से स्थानीय जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन को कोई नुकसान न पहुंचे। निर्माण प्रक्रिया पूरी तरह सतत विकास की अवधारणा पर आधारित होगी।
यातायात दबाव में होगी कमी
हर साल जून महीने में बाबा नीब करौरी महाराज के वार्षिक मेले में लाखों श्रद्धालु कैंची धाम आते हैं, जिससे नैनीताल-हल्द्वानी-कैंची मार्ग पर भारी जाम लग जाता है। रोपवे के माध्यम से इस दबाव को कम किया जा सकेगा और यह वैकल्पिक आवागमन मार्ग के रूप में भी काम करेगा।
स्थानीय व्यवसायियों और श्रद्धालुओं में उत्साह
रोपवे प्रस्ताव की जानकारी मिलते ही स्थानीय व्यापारियों, होटल मालिकों और आम लोगों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोग मानते हैं कि इस परियोजना से ना केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे। होटल, टैक्सी, स्थानीय हस्तशिल्प, रेस्टोरेंट और पर्यटन सेवाओं से जुड़े व्यवसायों को भी इसका सीधा फायदा होगा।
एक ऐतिहासिक कदम की ओर उत्तराखंड
यदि यह परियोजना राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत होती है, तो यह उत्तराखंड के पर्यटन विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी। नैनीताल से कैंची धाम तक रोपवे न केवल लोगों के लिए यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि राज्य को धार्मिक और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में और भी सशक्त बनाएगा।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद नैनीताल एक और नए पर्यटन अध्याय की शुरुआत करेगा, जो उत्तराखंड को देश-विदेश में नई पहचान दिलाने में सहायक होगा।