
दिल्ली, 22 जुलाई 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया, लेकिन विपक्ष इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं दिख रहा है।
कांग्रेस ने जताई आशंका, पूछा- क्या कोई दबाव था?
धनखड़ के इस्तीफे की खबर आने के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। पार्टी के प्रवक्ताओं ने कहा कि देश को यह जानने का पूरा हक है कि आखिर किन कारणों से एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अचानक इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने इसे सामान्य इस्तीफा नहीं, बल्कि एक “राजनीतिक संकेत” करार दिया।
हरीश रावत का बड़ा बयान: “तयशुदा मंच की तरह लग रहा है सबकुछ”
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्तीफे की टाइमिंग और तरीका दोनों ही असामान्य हैं। उन्होंने कहा, “दिनभर कार्यक्रमों में शामिल रहने के बाद रात 9 बजे इस्तीफा देना सामान्य प्रक्रिया नहीं है। यह सबकुछ एक तयशुदा स्क्रिप्ट जैसा लगता है।”
संसद सत्र से पहले इस्तीफा, क्या है सियासी मायने?
रावत ने सवाल उठाया कि जब संसद सत्र शुरू होने वाला है और प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा भी तय है, तब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा देना कई मायनों में संवेदनशील और रणनीतिक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल संवैधानिक प्रक्रिया प्रभावित होती है, बल्कि इससे राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं।
बिहार चुनाव से जुड़ रही संभावनाएं, विपक्ष ने जताई चिंता
कुछ नेताओं ने यह भी दावा किया है कि यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ा हो सकता है। चर्चा है कि बीजेपी का एक प्रमुख सहयोगी वहां असहज महसूस कर रहा था, और इस्तीफा देकर संभवतः उसे “संदेश” दिया गया है।
बीजेपी में इस्तीफे का पैटर्न?
हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी में इस्तीफों का एक खास ‘स्टाइल’ होता है — जहां एक संदेश आता है और उसके बाद इस्तीफा दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा भी उसी ढर्रे पर हुआ है, जो अपने-आप में सवाल खड़े करता है।
नैनीताल दौरे में बिगड़ी थी तबीयत, अब स्वास्थ्य कारणों का हवाला
ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक महीने पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ नैनीताल दौरे पर थे, जहां उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी। डॉक्टरों ने इसे डिहाइड्रेशन बताया था। अब उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया है, लेकिन विपक्ष इसे पर्याप्त नहीं मान रहा।
विपक्ष को नहीं मिला संतोषजनक जवाब, मांग रहे हैं स्पष्टता
विपक्षी दलों की मांग है कि केंद्र सरकार देश को साफ-साफ बताए कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की वास्तविक वजह क्या है। वे इसे सिर्फ “स्वास्थ्य” से जुड़ा मामला नहीं मानते, बल्कि इसके पीछे कोई राजनीतिक योजना होने का अंदेशा जता रहे हैं।