
देहरादून: उत्तराखंड ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करते हुए हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार जीता है। यह सम्मान राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा उत्तराखंड के अभिनव प्रयोगों और प्रभावशाली योजनाओं को मान्यता देते हुए प्रदान किया गया।
गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित विश्व मत्स्य पालन दिवस समारोह में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने यह पुरस्कार उत्तराखंड के पशुपालन और मत्स्य विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम को सौंपा।
ट्राउट फार्मिंग और अन्य परियोजनाएं बनीं सफलता की कुंजी
उत्तराखंड में 1400 से अधिक ट्राउट रेसवे का निर्माण कर ट्राउट फार्मिंग को नई ऊंचाई दी गई है। इसके अलावा, उधमसिंहनगर में राज्य स्तरीय एक्वापार्क और होलसेल फिश मार्केट का निर्माण भी इस सफलता का एक बड़ा कारण है।
मत्स्य विभाग ने मछली आपूर्ति के लिए आईटीबीपी और स्थानीय मछली पालक समूहों के साथ अनुबंध कर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन सभी प्रयासों के चलते राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र में नई संभावनाओं का विकास हुआ है।
सरकार के प्रयास ला रहे रंग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर विभाग और मछली पालकों को बधाई देते हुए कहा, “हमारे प्रयास अब रंग ला रहे हैं। राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है।”
मत्स्य संपदा योजना के तहत किए गए नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास ने उत्तराखंड को अन्य राज्यों के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिलाई है।
अभिनव प्रयोग और आर्थिक समृद्धि
उत्तराखंड की इस उपलब्धि का श्रेय स्थानीय मत्स्य पालकों की भागीदारी और सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन को दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रयासों से मछली पालकों की आय में वृद्धि होगी और उत्तराखंड देश के अन्य हिस्सों में भी मत्स्य पालन के लिए प्रेरणा बनेगा।
उत्तराखंड की यह सफलता मत्स्य पालन क्षेत्र में राज्य की बढ़ती ताकत और सरकार की प्रभावी नीतियों का प्रमाण है।