
दो करोड़ की लागत से बना पोल्ट्री फार्म तैयार
टिहरी: जिले के पहले राजकीय कुक्कुट परिक्षेत्र (पोल्ट्री फार्म) का भवन छाम, विकासखंड मुख्यालय में बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। करीब दो करोड़ रुपए की लागत से बने इस कैंपस में विद्युत, पेयजल, जनरेटर बैकअप और एप्रोच मार्ग जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
बर्ड फ्लू के कारण शुरू होने में देरी
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीके शर्मा के अनुसार, पोल्ट्री फार्म फरवरी से शुरू करने की योजना थी, लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण इसमें देरी हुई है। चूजे उन्हीं राज्यों से मंगवाने हैं, इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, पैरेंटल स्टॉक मंगाकर फार्म शुरू किया जाएगा।
हैचर मशीनों से होगा चूजों का उत्पादन
इस पोल्ट्री फार्म में पैरेंटल स्टॉक से हैचर मशीनों के जरिए चूजे तैयार किए जाएंगे। अगले 6 महीनों में उत्पादन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह फार्म टिहरी और उत्तरकाशी का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहां से मुर्गी पालकों और जरूरतमंदों को उचित दामों पर चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा
पहले चरण में चूजे टिहरी और उत्तरकाशी के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जाएंगे और बाद में अन्य जिलों में सप्लाई की जाएगी। अब तक स्थानीय लोग बाहर से चूजे खरीदने पर निर्भर थे, लेकिन अब उन्हें अपने जिले में ही उचित कीमत पर चूजे मिलेंगे। इसके अलावा, आईटीबीपी की मांग पर मुर्गियों की सप्लाई भी की जाएगी। यह पहल स्वरोजगार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।