उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग जिला पंचायत चुनाव में हंगामा: काली पेन से डाले मत को अवैध घोषित करने पर कांग्रेस का प्रदर्शन

Ruckus in Rudraprayag district panchayat elections: Congress protests over declaring votes cast with black pen invalid

रुद्रप्रयाग: जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की मतगणना के दौरान काली पेन से डाले गए मत को अवैध घोषित करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा। गुरुवार, 14 अगस्त को कलक्ट्रेट परिसर में हुई इस गिनती में कांग्रेस प्रत्याशियों के एक-एक मत को अमान्य कर दिया गया, जिसके बाद बीजेपी प्रत्याशियों को विजेता घोषित किया गया। इस फैसले को कांग्रेस ने साजिश करार देते हुए मतगणना स्थल पर जोरदार हंगामा किया और देर रात तक धरना दिया।

काली पेन से डाले मत पर विवाद

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को मिले एक-एक मत को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि वह काली पेन से डाला गया था। कांग्रेस का आरोप है कि मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाली पेन चुनाव स्थल पर ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों द्वारा ही उपलब्ध कराई गई थी, जिसमें काली स्याही की पेन भी शामिल थी। कांग्रेस सदस्यों का कहना है कि किसी को भी पहले से यह नहीं बताया गया कि काली पेन का इस्तेमाल वर्जित है।

बैरिकेडिंग तोड़कर पहुंचे कार्यकर्ता

काली पेन से डाले गए मत को निरस्त करने और बीजेपी प्रत्याशियों की जीत घोषित होने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़कर परिसर में प्रवेश किया और केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग और सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

साजिश का आरोप और पुनर्मतगणना की मांग

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र की हत्या है और विपक्षी उम्मीदवारों को रोकने के लिए जानबूझकर षड्यंत्र रचा गया। उनका कहना था कि अगर काली पेन से मतदान करना नियमों के खिलाफ था, तो इसे मतदान स्थल पर उपलब्ध ही क्यों कराया गया। कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पंचायत राज एक्ट के तहत पुनर्मतगणना और पूरे मामले की जांच की मांग की।

प्रशासन का हस्तक्षेप

धरने की सूचना मिलते ही जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतीक जैन, एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे और अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा मौके पर पहुंचे। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आपत्तियों को सुना और आश्वासन दिया कि उनकी मांगें संबंधित आयोग को भेजी जाएंगी। इसके बावजूद कांग्रेस देर रात तक धरने पर डटी रही और मतदान की सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग करती रही।

कोर्ट जाने की चेतावनी

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट, कुलदीप कंडारी, दिगम्बर गुसाईं, पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल आर्य, अंकुर रौथाण, राम सिंह बिष्ट, वीर सिंह बुडेरा और लक्ष्मण सिंह रावत सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया।

विवाद का असर

यह विवाद अब कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर तूल पकड़ सकता है। कांग्रेस जहां इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है, वहीं प्रशासन मामले को नियमानुसार सुलझाने की बात कह रहा है। आने वाले दिनों में पुनर्मतगणना होती है या मामला कोर्ट तक पहुंचता है, यह देखना होगा।

 

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