
पूरे देश में 14 मार्च को धूमधाम से मनाई जाएगी होली
होली का पर्व 14 मार्च को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान लोग रंग-गुलाल के साथ अलग-अलग प्रकार के रंगों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कुछ लोग केमिकल युक्त रंगों और ऑयल पेंट से भी होली खेलते हैं, जो त्वचा और शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
त्वचा और शरीर पर केमिकल युक्त रंगों का असर
मेकाहारा के स्किन एक्सपर्ट डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि केमिकल युक्त रंगों का प्रभाव त्वचा के साथ पूरे शरीर पर पड़ता है। इनके कारण आंखों में जलन, अस्थमा और सांस संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा, त्वचा में खुजली, जलन, लाल चकत्ते और दाने भी उभर सकते हैं।
डॉ. सिंह ने बताया कि केमिकल रंगों में लेड, कैडमियम और बारीक शीशा होता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में ऑयल पेंट और केमिकल रंगों की बजाय हर्बल कलर और गुलाल का प्रयोग करना चाहिए।
होली खेलने से पहले करें ये उपाय
डॉ. सिंह के अनुसार, होली खेलने से पहले त्वचा पर तेल या क्रीम लगाना जरूरी है। इससे रंग त्वचा में गहराई तक नहीं जाता और आसानी से छूट जाता है।
अगर किसी ने गलती से केमिकल रंग लगा दिया है, तो तुरंत ठंडे पानी से धो लें। इसके बाद क्रीम या तेल लगाने से राहत मिलेगी।
होली खेलते समय इन बातों का रखें ध्यान
- ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें, ताकि त्वचा सुरक्षित रहे।
- आंखों की सुरक्षा के लिए गॉगल्स का इस्तेमाल करें।
- बालों को बचाने के लिए टोपी या स्कार्फ पहनें।
- हर्बल रंगों का प्रयोग करें और केमिकल युक्त रंगों से बचें।
होली के बाद त्वचा की देखभाल कैसे करें?
अगर होली खेलने के बाद त्वचा में खुजली या जलन हो रही है, तो साबुन से अच्छी तरह धोकर उस पर क्रीम या तेल लगाएं। तेज धूप में केमिकल युक्त रंगों का असर ज्यादा होता है, इसलिए धूप में कम समय बिताएं।
होली खेलने के दौरान केमिकल युक्त रंगों से बचना ही सबसे अच्छा उपाय है। हर्बल कलर का उपयोग करके न केवल अपनी त्वचा बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।