
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 के दौरान डाक विभाग (India Post) को एक बड़े सार्वजनिक रसद संगठन में बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और किसानों, कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों, एमएसएमई और नए उद्यमियों की जरूरतों को पूरा करना है।
डाकघरों का होगा बहुआयामी उपयोग
सीतारमण ने कहा कि देशभर के 1.5 लाख ग्रामीण डाकघर, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) और 2.4 लाख डाक सेवकों के नेटवर्क को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क का उपयोग बैंकिंग, रसद सेवाओं और डिजिटल वित्तीय सेवाओं के विस्तार के लिए करेगी।
डाक विभाग: देश की संचार और वित्तीय रीढ़
भारत का डाक विभाग पिछले 150 वर्षों से देश की संचार प्रणाली की रीढ़ रहा है। इसकी भूमिका पारंपरिक डाक सेवाओं से आगे बढ़कर बचत योजनाओं, बीमा, पेंशन भुगतान और मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन तक फैली हुई है।
सरकार अब डाक नेटवर्क को एक प्रभावी रसद प्रणाली में बदलने की योजना बना रही है, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों तक उत्पादों और सेवाओं की डिलीवरी संभव हो सकेगी।
इंडिया पोस्ट को बनाया जाएगा सार्वजनिक रसद संगठन
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक रसद संगठन में परिवर्तित करेगी, जिससे छोटे उद्यमियों, “विश्वकर्मा योजना” से जुड़े कारीगरों, एमएसएमई, महिला उद्यमियों और बड़े व्यापारिक संगठनों को लाभ मिलेगा।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) का होगा विस्तार
वित्त मंत्री ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की सेवाओं का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा, ताकि वहां के लोगों की बैंकिंग, माइक्रोफाइनेंस और बीमा जरूरतें पूरी हो सकें।
डाक विभाग की नई सेवाएँ
सरकार द्वारा प्रस्तावित नई सेवाओं में निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएँ शामिल होंगी:
✔️ ग्रामीण सामुदायिक केंद्र (Community Hubs) की स्थापना
✔️ नकद निकासी, ईएमआई कलेक्शन और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) सेवाएं
✔️ माइक्रो उद्यमों के लिए ऋण सेवाएं
✔️ बीमा और वित्तीय सुरक्षा सेवाएं
✔️ डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए सहायता केंद्र
क्या होगा फायदा?
➡️ किसानों और छोटे व्यापारियों को त्वरित वितरण सेवाएँ मिलेंगी।
➡️ ई-कॉमर्स और डिजिटल लेन-देन को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा।
➡️ लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मजबूती मिलेगी, जिससे ग्रामीण उत्पादों की मार्केटिंग आसान होगी।
➡️ महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय मदद और बाजार पहुंच मिलेगी।
➡️ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेज़ी आएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
सरकार का यह कदम डाक विभाग की ऐतिहासिक भूमिका को आधुनिक तकनीक और डिजिटल सेवाओं से जोड़कर ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। इंडिया पोस्ट अब केवल चिट्ठियों और मनी ऑर्डर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि डिजिटल फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स का प्रमुख केंद्र बनेगा।