उत्तराखंड

जनधन योजना के 11 साल, धामी बोले– बदली किस्मत, जमीनी हकीकत भी अलग

11 years of Jan Dhan Yojana, Dhami said – luck has changed, ground reality is also different

देहरादून: प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) ने शुक्रवार को अपनी ऐतिहासिक 11वीं वर्षगांठ पूरी कर ली। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह योजना केवल बैंक खाता खोलने का माध्यम नहीं रही, बल्कि इसने करोड़ों गरीबों और वंचितों को देश की वित्तीय मुख्यधारा से जोड़ा है। उनके अनुसार, योजना ने गांव-गांव तक पहुंच बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की नई इबारत लिखी है।

2014 में हुई थी शुरुआत

28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सबका खाता, सबका विकास” के संकल्प के साथ जनधन योजना की शुरुआत की थी। उस समय करोड़ों लोग बैंकिंग सुविधाओं से वंचित थे। धामी ने कहा कि महज 11 वर्षों में यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल बन गई है। आज घर-घर तक बैंकिंग की सुविधा पहुंच चुकी है और गरीब भी बचत व लेन-देन में सक्षम हुए हैं।

उत्तराखंड में बदली तस्वीर

धामी ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में पहले बैंक तक पहुंचना कठिन था, लेकिन जनधन योजना ने यह दूरी मिटा दी। अब दूरस्थ गांवों के लोग भी जनधन खाता संचालित कर रहे हैं। योजनाओं की सब्सिडी और सरकारी लाभ सीधे इन खातों में जमा हो रहे हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है।

50 करोड़ खाते और 2 लाख करोड़ से ज्यादा जमा

मुख्यमंत्री ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि देशभर में अब तक 50 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा है। इसके साथ ही बीमा, पेंशन और ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं भी गरीबों तक पहुंची हैं, जिसने उन्हें आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान किया है।

डिजिटल इंडिया को मिला बल

जनधन खातों ने डिजिटल इंडिया को नई ताकत दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग अब मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं। इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम हुई है बल्कि समय और मेहनत की भी बचत हो रही है।

महिलाओं के लिए बड़ा बदलाव

धामी ने जोर दिया कि योजना का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को हुआ है। बड़ी संख्या में महिलाएं अब खाता धारक हैं। सरकारी योजनाओं की धनराशि सीधे उनके खातों में पहुंच रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं और परिवार की ज़िम्मेदारी संभालने में सक्षम हुई हैं।

राज्य सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार केंद्र की इस योजना को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। बैंक मित्रों और डिजिटल सेवाओं की मदद से ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों तक बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

समानता का प्रतीक

उन्होंने बताया कि जनधन योजना ने सामाजिक समानता का एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। इस खाते में न्यूनतम बैलेंस की कोई शर्त नहीं है। गरीब और अमीर दोनों समान रूप से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

11 साल की ऐतिहासिक यात्रा

धामी ने कहा कि पहले बैंक में खाता खोलना कठिन था, लेकिन अब यह बेहद आसान हो गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में जनधन योजना हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा का कवच प्रदान करेगी और भारत को “विकसित राष्ट्र” बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

जनधन योजना की 11वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना आर्थिक लोकतंत्र की नई नींव रख चुकी है और देश को वित्तीय समावेशन की नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।

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