
शेयर बाजार में दिखी मजबूती
अडाणी समूह के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। पिछले 15 दिनों में समूह के बाजार पूंजीकरण में करीब 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। गुरुवार को अडाणी एंटरप्राइजेज को छोड़कर समूह की बाकी सभी कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। यह उछाल समूह के लिए एक मजबूत संकेत है और निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ता दिख रहा है।
हुरुन वर्ल्ड रिच लिस्ट में अडाणी की जबरदस्त बढ़त
आज जारी हुई हुरुन वर्ल्ड रिच लिस्ट में गौतम अडाणी भारत में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाले व्यक्ति के रूप में उभरे हैं। उनकी संपत्ति में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद वह अब भी मुकेश अंबानी से पीछे हैं, जिन्होंने एशिया के सबसे धनी व्यक्ति का खिताब बरकरार रखा है।
अंबानी को नुकसान, फिर भी शीर्ष पर
हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के खराब प्रदर्शन के चलते मुकेश अंबानी को कुछ नुकसान हुआ है। इसके कारण वे दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों की सूची से बाहर हो गए। वहीं, गौतम अडाणी की संपत्ति 2024 में 13% बढ़कर भारत के टॉप-3 अरबपतियों में शामिल हो गई।
अडाणी की संपत्ति में बढ़ोतरी के पीछे कारण
अडाणी की संपत्ति में उछाल तब आया, जब वित्त वर्ष 2025 में समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में अडाणी समूह के शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 21% यानी 3.4 लाख करोड़ रुपये घट गया था।
गुरुवार को अडाणी समूह के अधिकांश शेयरों में इस रिपोर्ट के कारण तेजी देखी गई कि समूह दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण में रुचि दिखा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अडाणी समूह ने दिवालिया JAL का अधिग्रहण करने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) प्रस्तुत की है।
विवादों से घिरा अडाणी समूह
पिछले कुछ वर्षों में अडाणी समूह को वित्तीय अनियमितताओं और स्टॉक हेरफेर सहित कई विवादों का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया था कि अडाणी समूह ने राजस्व बढ़ाने और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए टैक्स हेवन में कंपनियों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया।
हालांकि, समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) अडाणी समूह के अमेरिकी निवेशकों के साथ संचार की जांच कर रहे हैं। इस कारण समूह के अंतरराष्ट्रीय संचालन और भी जटिल हो गए हैं।
निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश
इन विवादों के चलते अडाणी समूह के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और नियामक निगरानी को लेकर भी सवाल उठे हैं।
हालांकि, समूह ने विभिन्न निवेशकों तक पहुंच बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इन कोशिशों का असर दिख रहा है, जिससे समूह के शेयरों में फिर से मजबूती लौट रही है।