उत्तराखंड सहकारिता विभाग का बड़ा लक्ष्य: टर्नओवर 500 करोड़ से बढ़ाकर 3000 करोड़
Uttarakhand Cooperative Department aims to increase turnover from Rs 500 crore to Rs 3000 crore

देहरादून: संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के बाद उत्तराखंड सहकारिता विभाग ने अपनी योजनाओं को नई दिशा दी है। विभाग ने अपने सालाना कारोबार को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर गुरुवार को आयोजित सहकारी सम्मेलन में विभाग की नई रणनीतियों और पहल की घोषणा की गई।
गरीब और महिलाओं को आसान लोन सुविधा
सम्मेलन में बताया गया कि सहकारिता विभाग गरीब परिवारों के बच्चों को सस्ती दरों पर एजुकेशन लोन देगा। इसके तहत एमबीबीएस, रिसर्च और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बच्चों को विशेष लाभ मिलेगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को अब बिना गारंटी के 21 हजार रुपये तक का लोन मिलेगा। साथ ही अब तक 5 लाख रुपये तक दिए जाने वाले लोन को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया गया है। बुजुर्गों के लिए भी विशेष योजना बनाई गई है, जिसके तहत भारत दर्शन पर जाने के इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों को कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
कारोबार बढ़ाने के लिए चार नई पहल
सहकारिता विभाग ने व्यवसाय बढ़ाने के लिए चार बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इनमें मिनरल वॉटर, होम सेनिटेशन प्रोडक्ट्स, पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मॉडल और बायो फर्टिलाइजर को बाजार में उतारना शामिल है। इन उत्पादों से न केवल विभाग की आय बढ़ेगी बल्कि आम जनता को शुद्ध पानी और किसानों को सस्ते दरों पर जैविक उर्वरक मिल सकेंगे।
राज्यभर में लगेगा सहकारी मेला
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि 3 अक्टूबर से 30 दिसंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में सात-दिवसीय कोऑपरेटिव मेले का आयोजन होगा। प्रत्येक जिले का मेला अलग थीम पर आधारित होगा। उदाहरण के तौर पर, अल्मोड़ा में 3 से 7 अक्टूबर तक “सहकारिता से हस्तशिल्प संरक्षण”, पौड़ी में “ग्रामीण सशक्तिकरण”, चमोली और टिहरी में “पर्यावरण संरक्षण” तथा नैनीताल में “पर्यटन विकास” प्रमुख आकर्षण होंगे।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
मंत्री ने कहा कि ये मेले आत्मनिर्भर भारत, महिला समूहों को प्रोत्साहन, लखपति दीदी योजना और किसानों की आय दोगुनी करने पर केंद्रित होंगे। उन्होंने छोटे कारोबारियों को दिए जाने वाले लोन की प्रक्रिया को और सरल बनाने का भी आश्वासन दिया।
उत्तराखंड सहकारिता विभाग की ये नई पहलें राज्य में आर्थिक विकास को नई गति देने के साथ ही ग्रामीण, महिला और युवा वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगी।