
आम को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है, लेकिन जापान में उगाया जाने वाला मियाजाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। इसकी कीमत प्रति किलो 2.5 से 3 लाख रुपये तक हो सकती है। अपनी असाधारण मिठास, गहरे लाल रंग और बेहतरीन स्वाद के कारण यह आम वैश्विक बाजार में बहुत अधिक मांग में रहता है। अब भारत में भी इसकी खेती की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे किसानों में नई उम्मीद जगी है।
क्या है मियाजाकी आम?
मियाजाकी आम जापान के क्यूशू प्रांत में उगाया जाता है और इसे “ताइयो नो तामागो” (Sun Egg) के नाम से जाना जाता है। यह आम अपने गहरे लाल और बैंगनी रंग, अधिक मिठास (15% से अधिक प्राकृतिक चीनी) और मुलायम बनावट के कारण खास होता है। इसकी खास खेती प्रक्रिया और सीमित उत्पादन इसे इतना महंगा बनाते हैं।
भारत में मियाजाकी आम की खेती
हाल ही में महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के भोसी गांव में किसान सुमनबाई गायकवाड़ ने इस आम की सफल खेती कर सबको चौंका दिया। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सही तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो भारत में इसकी व्यावसायिक खेती संभव हो सकती है।
मियाजाकी आम के स्वास्थ्य लाभ
- इम्यूनिटी बूस्टर – इसमें विटामिन C और A अधिक मात्रा में होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
- नेत्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद – इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन होते हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं।
- पाचन में सुधार – यह फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा – कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है।
भारत में मियाजाकी आम की चुनौतियां
- उच्च रखरखाव लागत – इस आम को उगाने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
- मौसम की बाधाएं – जापान की तुलना में भारत की जलवायु अलग है, जिससे इसकी खेती चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
- बाजार की सीमित मांग – इसकी अत्यधिक कीमत इसे केवल अमीर वर्ग तक सीमित रख सकती है।
अगर भारतीय किसान सही तकनीकों का उपयोग करें, तो मियाजाकी आम भारत की नई कृषि सफलता बन सकता है।