
नई दिल्ली: भारत की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX को हाल ही में एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा है। इस हमले में लगभग ₹378 करोड़ (करीब 44.2 मिलियन डॉलर) की डिजिटल संपत्ति चोरी हो गई। घटना 19 जुलाई की सुबह 4 बजे सामने आई, जब एक पार्टनर एक्सचेंज के आंतरिक वॉलेट में अनधिकृत एक्सेस प्राप्त किया गया।
लिक्विडिटी वॉलेट बना निशाना
CoinDCX के अनुसार, हमलावरों ने उस वॉलेट को टारगेट किया जिसका उपयोग लिक्विडिटी सपोर्ट के लिए किया जाता था। यह वॉलेट सीधे ग्राहकों के फंड से जुड़ा नहीं था, बल्कि एक आंतरिक ऑपरेशनल सिस्टम का हिस्सा था। इस कारण ग्राहक निधियों पर कोई प्रत्यक्ष असर नहीं पड़ा है।
कंपनी ने खुद वहन किया नुकसान
कंपनी ने कहा है कि इस वित्तीय नुकसान की भरपाई CoinDCX के ट्रेजरी रिजर्व से की जा रही है। ग्राहकों की किसी भी संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ है और सभी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। CoinDCX ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी यूजर्स के वॉलेट पूरी तरह सुरक्षित हैं।
ब्लॉकचेन विश्लेषक ने सबसे पहले दी जानकारी
इस घटना की जानकारी सबसे पहले एक ब्लॉकचेन विश्लेषक ज़ैकएक्सबीटी ने सार्वजनिक की थी। इसके बाद CoinDCX ने आधिकारिक बयान जारी कर इस साइबर हमले की पुष्टि की। हालांकि घटना के सार्वजनिक होने में करीब 17 घंटे की देरी पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं।
सुरक्षा प्रणाली में होंगे सुधार
CoinDCX ने कहा है कि वह अपनी साइबर सुरक्षा नीति की समीक्षा कर रहा है और आगे इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए तकनीकी उपायों को और सशक्त किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि वह लगातार सिस्टम ऑडिट और सुरक्षा परीक्षणों के जरिए ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास कर रही है।
कानूनी कार्रवाई और जांच जारी
CoinDCX ने इस घटना को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है और संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर जांच की जा रही है। फिलहाल किसी भी आरोपी की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है।
CoinDCX पर हुआ यह साइबर हमला भारत में डिजिटल फाइनेंस की सुरक्षा के प्रति गंभीर चेतावनी है। हालांकि ग्राहकों की संपत्ति सुरक्षित रही, लेकिन यह घटना क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए बेहतर साइबर रणनीति की आवश्यकता को दर्शाती है।