उत्तराखंड

कांग्रेस का राजभवन कूच, कानून-व्यवस्था और आपदा प्रबंधन पर सरकार को घेरा

Congress marched to Raj Bhavan, cornered the government on law and order and disaster management

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस ने राज्य की कानून-व्यवस्था, आपदा प्रबंधन में लापरवाही और पंचायत चुनावों में धांधली के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। पार्टी ने 26 अगस्त को राजभवन कूच की घोषणा की है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार की शह पर अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।

“कानून का राज खत्म हो गया है”

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भाजपा शासन में हत्या, दुष्कर्म और पॉक्सो जैसे संगीन मामलों में बार-बार पार्टी नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई महज औपचारिकता तक सीमित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और प्रशासन दबाव में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पा रहा।

महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

धस्माना ने महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी प्रकरण से लेकर हरिद्वार की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म जैसी घटनाएं सरकार की नीयत और नीति पर सवाल खड़े करती हैं। भाजपा नेताओं की संलिप्तता सामने आने के बावजूद, पार्टी सिर्फ दो लाइन का निष्कासन पत्र जारी कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है।

पंचायत चुनाव और अपराधियों के हौसले

कांग्रेस नेता ने पंचायत चुनावों में धांधली का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नैनीताल और बेतालघाट में खुलेआम हथियार लहराए गए, अपहरण और गोलीबारी की घटनाएं हुईं। उनका कहना था कि उत्तराखंड को भाजपा शासन में “उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे हालात” की ओर धकेला जा रहा है।

आपदा प्रबंधन पर सरकार घिरी

राज्य में कांग्रेस ने आपदा प्रबंधन को लेकर भी सवाल खड़े किए। धस्माना ने कहा कि उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में आपदा से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार अब तक प्रभावित परिवारों का सही आंकड़ा तक जारी नहीं कर पाई। चारधाम यात्रा मार्ग और सैकड़ों संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन बहाली का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “आपदा प्रबंधन सिर्फ कागजों तक सीमित है, जबकि जमीनी हालात अलग हैं।”

कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि 26 अगस्त को राजभवन कूच में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। कांग्रेस का दावा है कि यह आंदोलन जनहित और पीड़ित जनता की आवाज उठाने के लिए है।

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती

कांग्रेस का यह कदम प्रदेश की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह आंदोलन जनता का भरोसा जीत पाएगा और सत्ता पक्ष को जवाबदेह बनाने में सफल होगा। राज्य में अपराध और आपदा प्रबंधन की लापरवाही ने कांग्रेस को मजबूत मुद्दा दिया है, अब देखना यह होगा कि राजभवन कूच से कितनी राजनीतिक हलचल मचती है।

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