उत्तराखंड में गर्मियों का पर्यटन ठप: हिल स्टेशनों और चारधाम यात्रा में दिखी भारी गिरावट
Summer tourism in Uttarakhand comes to a standstill: There is a huge drop in hill stations and Chardham Yatra

देहरादून: उत्तराखंड में मई का महीना आमतौर पर पर्यटन की दृष्टि से बेहद अहम होता है। इस समय मैदानी इलाकों में गर्मी चरम पर होती है और लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। साथ ही चारधाम यात्रा भी इसी समय शुरू होती है, जिससे तीर्थयात्रियों की भारी आमद होती है। लेकिन इस साल तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई नजर आ रही है। हिल स्टेशनों से लेकर धार्मिक स्थलों तक पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है, जिससे स्थानीय व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है।
नैनीताल और मसूरी में सन्नाटा, पर्यटक गायब
नैनीताल और मसूरी जैसे प्रमुख हिल स्टेशन जो इस समय तक भीड़ से गुलजार रहते हैं, इस बार सुनसान दिख रहे हैं। नैनीताल में हाल ही में हुई हिंसक घटना को इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। स्थानीय होटल व्यवसायियों का कहना है कि पर्यटक अब यहां आने से हिचक रहे हैं, जिससे होटल बुकिंग रद्द हो रही हैं और आय में भारी गिरावट आई है।
मसूरी में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। आमतौर पर मई-जून में देहरादून तक ट्रैफिक जाम लग जाता है, लेकिन इस बार सड़कों पर न तो भीड़ है और न ही कारोबारियों के चेहरों पर रौनक।
बदलता मौसम और तनाव भी बना रोड़ा
राज्य में इस समय मौसम भी अनिश्चित बना हुआ है। कभी तेज गर्मी तो कभी बारिश, जिससे पर्यटक अपने कार्यक्रम को अंतिम समय में रद्द कर रहे हैं। वहीं भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भी पर्यटकों को यात्रा से रोक दिया है।
देहरादून के एक प्रमुख होटल समूह के एमडी मनु कोचर ने बताया कि 70% तक होटल बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं। उनका कहना है कि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक अब अपनी सुरक्षा को लेकर संदेह में हैं।
चारधाम यात्रा भी प्रभावित
चारधाम यात्रा में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार पहले सप्ताह में करीब 1 लाख कम श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिससे साफ है कि यात्रा पर भी सामाजिक और मौसमीय कारकों का असर पड़ा है।