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जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पेश करने की तैयारी, छह साल बाद पहला सत्र

Preparations to present a proposal for the restoration of Article 370 in the Jammu and Kashmir Assembly session, the first session after six years

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में छह साल बाद अगले सप्ताह से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में केंद्र द्वारा हटाए गए अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रस्ताव पेश होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा सदन में पेश किया जाएगा, जिसमें 2019 में हटाए गए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की जाएगी।

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त कर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किया था। यह पहला अवसर होगा जब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इसके विरोध में औपचारिक प्रस्ताव लाया जाएगा। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे अपने घोषणापत्र का हिस्सा बताया और विधानसभा में 42 सीटों की बड़ी जीत के बाद सरकार गठित की है।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 के साथ-साथ लद्दाख को पुनः जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बनाने की मांग भी शामिल होगी। उमर अब्दुल्ला ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी सौंपा था।

हालांकि प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है और केंद्र पर इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के बीच संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने को वैध ठहराया था, फिर भी प्रस्ताव का समर्थन जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय भावनाओं को प्रदर्शित कर सकता है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीद है कि पीडीपी और सज्जाद लोन जैसे विपक्षी दल इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, जबकि भाजपा इसका कड़ा विरोध करेगी।

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