
देहरादून, 12 जून 2025: उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के प्रस्ताव के खिलाफ राज्य के वकीलों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को राजधानी देहरादून में हजारों की संख्या में काले कोटधारी अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट परिसर से सचिवालय तक विशाल मार्च निकालकर सरकार की इस नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शन में शामिल वकीलों ने स्पष्ट किया कि UCC संविधान की मूल भावना के विपरीत है और यह देश की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता को नुकसान पहुंचाएगा। उनका आरोप है कि यह प्रस्ताव विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानूनों और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।
प्रदर्शनकारियों ने ‘UCC वापस लो’, ‘संविधान की रक्षा करो’ और ‘धार्मिक स्वतंत्रता बचाओ’ जैसे नारों के साथ सरकार की नीति को चुनौती दी। इस आंदोलन में दून बार एसोसिएशन, उत्तराखंड अधिवक्ता परिषद और मुस्लिम अधिवक्ता मंच सहित कई प्रमुख संगठनों के सदस्य शामिल हुए।
प्रदर्शन के अंत में वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार UCC प्रस्ताव को वापस ले और किसी भी निर्णय से पहले सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करे।
कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं और संवैधानिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि भारत जैसे बहुलतावादी देश में सभी पर एक समान कानून लागू करना व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है और अल्पसंख्यक समुदायों में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है।
हालांकि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन वकीलों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विरोध किसी विशेष समुदाय के पक्ष में नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों और देश की विविधता को बचाने के लिए है।
इस आंदोलन को कई सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों का समर्थन मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि UCC जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बिना व्यापक सहमति के कोई निर्णय लेना उचित नहीं होगा। देहरादून का यह विरोध प्रदर्शन साफ संकेत देता है कि सरकार को इस मुद्दे पर कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि UCC को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ सकती है। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे पर किस तरह का रुख अपनाती है और क्या वह विभिन्न समुदायों की चिंताओं को दूर करने में सफल हो पाएगी।