उत्तराखंड

हरिद्वार में कांवड़ मेले का रंग, लेकिन उपद्रवी कांवड़िए बन रहे चुनौती

The color of Kanwar fair in Haridwar, but the rowdy Kanwariyas are becoming a challenge

हरिद्वार: सावन का पवित्र महीना और कांवड़ यात्रा का उल्लास इन दिनों हरिद्वार में चरम पर है। लाखों शिवभक्तों की भीड़ ने धर्मनगरी को भक्तिमय बना दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद श्रद्धालुओं का स्वागत करते नजर आए, वहीं प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से फूल वर्षा कर शिवभक्तों का सम्मान किया। लेकिन इस पूरे धार्मिक आयोजन के बीच कुछ कांवड़ियों की हरकतों ने शांति भंग करने की स्थिति भी उत्पन्न की है।

उपद्रवियों से व्यापारी परेशान, पुलिस पर कार्रवाई का दबाव

हरिद्वार में कांवड़ियों द्वारा की जा रही अराजकता से स्थानीय लोग और व्यापारी खासे परेशान हैं। हाल ही में व्यापारियों ने पुलिस के साथ बैठक कर उत्पात मचाने वाले कांवड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसे हालात रहे तो वे बाजार बंद करने को मजबूर होंगे। इस मुद्दे पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी डीजीपी से जवाब मांगा है।

भीड़ बढ़ी, अब शुरू असली चुनौती

जिला प्रशासन के अनुसार 10 जुलाई से अब तक करीब 80 लाख कांवड़िए गंगाजल लेकर रवाना हो चुके हैं। अगले छह दिनों में यह आंकड़ा पांच करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जिससे पुलिस-प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस ने अब तक कई जगहों पर भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

घटनाएं जो बढ़ा रहीं चिंता

बीते रविवार सिंहद्वार इलाके में कांवड़ियों और एक स्थानीय महिला के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। वहीं, हरकी पैड़ी के पास चश्मे की दुकान में दो कांवड़ियों ने तोड़फोड़ की, जिस पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। रुड़की में कांवड़ खंडित होने के विवाद में एक स्कॉर्पियो कार में भी तोड़फोड़ की गई और ड्राइवर से मारपीट हुई।

कांवड़ियों पर पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज

कनखल थाना क्षेत्र में कुछ कांवड़िए हाईवे से यात्रा करने पर अड़े थे। पुलिस के समझाने पर भी वे नहीं माने और सड़क जाम करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग कर लाठीचार्ज करना पड़ा। यह सब यात्रियों की सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए किया गया।

प्रशासन का सख्त संदेश

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने कहा कि पुलिस, अर्धसैनिक बल और स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। अब तक आठ से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनका स्पष्ट संदेश है—अराजकता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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