उत्तराखंड

कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, सीएम धामी ने की सैनिक कल्याण की घोषणाएं

Tribute to the martyrs on Kargil Vijay Diwas, CM Dhami made announcements for soldier welfare

26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों को सम्मानित कर राज्य की ओर से कृतज्ञता प्रकट की गई। समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी समेत कई सैन्य अधिकारी और कारगिल युद्ध के अनुभवी जवान भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के 75 वीर सपूतों ने दिया बलिदान

कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय सेना ने दुर्गम पहाड़ियों में अद्भुत साहस और रणनीति का परिचय दिया। उत्तराखंड से इस युद्ध में 75 जवान शहीद हुए, जिनमें देहरादून के 25, टिहरी के 12, पौड़ी गढ़वाल के 13, नैनीताल के 6, चमोली के 5, रुद्रप्रयाग के 3, पिथौरागढ़ के 4, अल्मोड़ा के 3, बागेश्वर के 2 और उधम सिंह नगर के 2 वीर शामिल थे। इन शहीदों की याद में हर साल 26 जुलाई को राज्यभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने की कल्याणकारी घोषणाएं

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सीमांत जनपद चमोली के कालेश्वर में ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक और सैनिक विश्राम गृह बनाया जाएगा। इसके साथ ही नैनीताल में भी सैनिक विश्राम गृह की स्थापना की जाएगी, ताकि सैनिकों और उनके परिजनों को सुविधाजनक ठहराव मिल सके।

पूर्व सैनिकों को मिलेगा विदेश में रोजगार

मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि पूर्व सैनिकों को “उपनल” के माध्यम से विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें 50 प्रतिशत सिविलियन भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उपनल के माध्यम से करीब 22 हजार लोगों को रोजगार मिला है और सरकार ने इनके विनियमितीकरण का निर्णय भी ले लिया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा।

नए संकल्प के साथ विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस उत्तराखंड के लिए सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। सीएम धामी ने कहा कि हम सभी को शहीदों की शहादत को स्मरण करते हुए राष्ट्र सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा। सरकार सैनिकों के सपनों को साकार करने के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।

 

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