गैरसैंण में 19 अगस्त से शुरू होगा उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, सुबोध उनियाल को मिली संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी
Monsoon session of Uttarakhand Assembly will start from August 19 in Gairsain, Subodh Uniyal got the responsibility of Parliamentary Affairs Minister

देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में 19 से 22 अगस्त तक मानसून सत्र आयोजित होगा। इससे पहले धामी सरकार ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को संसदीय कार्य मंत्री नियुक्त कर दिया है। यह पद पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के 16 मार्च को इस्तीफा देने के बाद से खाली था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने 13 अगस्त की शाम को इसका आधिकारिक आदेश जारी किया।
लंबे समय से खाली था पद
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद शहरी विकास, वित्त और संसदीय कार्य मंत्रालय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास थे। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका विधानसभा सत्र में बेहद अहम मानी जाती है, क्योंकि विपक्ष और विधायकों के सवालों का जवाब देने की मुख्य जिम्मेदारी इसी मंत्री पर होती है। लंबे समय से पद खाली रहने के कारण नए चेहरे के चयन को लेकर अटकलें चल रही थीं।
सुबोध उनियाल को मिली अहम जिम्मेदारी
नए आदेश के तहत सुबोध उनियाल को 2025 के द्वितीय सत्र में मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों से आने वाले सभी विधायी और संसदीय प्रश्नों के उत्तर देने का अधिकार मिला है। यह जिम्मेदारी ऐसे समय पर आई है जब सत्र में आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और अन्य गंभीर विषयों पर गहन चर्चा होने की संभावना है।
19 से 22 अगस्त तक चलेगा सत्र
इस मानसून सत्र का निर्णय 11 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। अब संसदीय कार्य मंत्री की नियुक्ति के बाद तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
सदन में पहुंच चुके हैं 545 सवाल
विधानसभा सचिवालय के अनुसार, विभिन्न विधायकों की ओर से अब तक 545 सवाल दर्ज हो चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे मुद्दे शामिल हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं। विपक्ष के रुख को देखते हुए अनुमान है कि सरकार को कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा।
आपदा प्रबंधन रहेगा केंद्र में
हाल ही में उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा ने राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं। भारी जन-धन की हानि और पुनर्वास की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए विपक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है। साथ ही सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे विषय भी सत्र में चर्चा का हिस्सा बनेंगे।
सुबोध उनियाल का पहला बड़ा इम्तिहान
सुबोध उनियाल के लिए यह सत्र संसदीय कार्य मंत्री के रूप में पहला बड़ा परीक्षण होगा। उन्हें न केवल विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा बल्कि सदन में सरकार की छवि को मजबूत बनाए रखना भी एक चुनौती होगी।
राजनीतिक रूप से अहम सत्र
गैरसैंण में सत्र आयोजित करना पहाड़ी क्षेत्रों में सरकार की सक्रियता का प्रतीक माना जाता है। प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे प्रदेश में यह सत्र सरकार के लिए जनता तक भरोसे का संदेश भेजने का अवसर भी होगा।
अब सभी की निगाहें 19 अगस्त से शुरू होने वाले इस चार दिवसीय सत्र पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि विपक्ष किन मुद्दों पर आक्रामक रहेगा और सरकार उनका सामना कैसे करेगी।