
टिहरी: मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम शनिवार को उत्तराखंड पहुंचे, जहां टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में उनका भव्य स्वागत किया गया। जिले की जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल और एसएसपी आयुष अग्रवाल सहित कई स्थानीय अधिकारी इस स्वागत समारोह में मौजूद रहे। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और फूल मालाओं से मॉरीशस के प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। स्थानीय लोगों ने भी भारी उत्साह के साथ उनका स्वागत कर भारत और मॉरीशस की गहरी दोस्ती का संदेश दिया।
भारत-मॉरीशस रिश्तों में नई मजबूती
डॉ. रामगुलाम का यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों की अहम कड़ी माना जा रहा है। उत्तराखंड पहुंचने से पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी का दौरा किया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी विस्तृत वार्ता हुई। वाराणसी की बैठक में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत की ओर से मॉरीशस के लिए घोषित विशेष आर्थिक पैकेज को डॉ. रामगुलाम ने विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पैकेज इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोलेगा।
विशेष आर्थिक पैकेज और सहयोग समझौते
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में स्पष्ट किया कि भारत मॉरीशस के विकास में एक विश्वसनीय साझेदार की भूमिका निभाता रहेगा। इस विशेष आर्थिक पैकेज के तहत मॉरीशस में रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की योजना है। भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र मॉरीशस में स्थापित किया जा चुका है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं को नई दिशा देगा। इसके अलावा व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों ने अपनी स्थानीय मुद्राओं—भारतीय रुपया और मॉरीशस रुपया—में लेनदेन को आसान बनाने पर सहमति जताई है। यह कदम द्विपक्षीय व्यापार में विदेशी मुद्रा पर निर्भरता को कम करेगा और आर्थिक स्थिरता को मजबूत बनाएगा।
संयुक्त दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं
वाराणसी की बैठक के बाद जारी ‘संवर्धित सामरिक भागीदारी’ के संयुक्त दृष्टिकोण में कहा गया कि भारत और मॉरीशस अपने व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को और विविधता देंगे। दोनों देशों ने सीईसीपीए (Comprehensive Economic Cooperation and Partnership Agreement) के तहत उच्च स्तरीय संयुक्त व्यापार समिति का दूसरा सत्र आयोजित करने का भी निर्णय लिया। इसका उद्देश्य व्यापार और निवेश के नए अवसर तलाशना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौते न केवल मॉरीशस बल्कि भारतीय कंपनियों के लिए भी फायदेमंद होंगे।
डॉ. रामगुलाम का उत्तराखंड दौरा भारत और मॉरीशस के गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टिहरी में हुआ उनका गर्मजोशी भरा स्वागत इस बात का प्रतीक है कि दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग का रिश्ता आने वाले वर्षों में और अधिक प्रगाढ़ होगा।