
मुंबई, 6 जून 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती कर बाजार को आश्चर्यचकित कर दिया। इस फैसले के बाद निफ्टी बैंक इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 56,428.90 के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। बैंकिंग सेक्टर के प्रमुख शेयर जैसे आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), और कोटक महिंद्रा बैंक में भी 1 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखने को मिली।
आरबीआई की यह कटौती इस बात को दर्शाती है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की कोशिश में है। वैश्विक स्तर पर कई केंद्रीय बैंक आर्थिक नीतियों को आसान कर रहे हैं और भारत ने भी इस प्रवृत्ति को अपनाया है।
सीआरआर में भी चार किस्तों में कटौती, बढ़ेगी तरलता
आरबीआई ने इस साल नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कुल 100 आधार अंकों की कटौती का भी निर्णय लिया है, जिसे चार बराबर किस्तों में 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर को लागू किया जाएगा। इस कदम से बैंकिंग सिस्टम में लगभग 2.5 ट्रिलियन रुपये की अतिरिक्त तरलता आएगी, जिससे कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूती
बीएसई सेंसेक्स ने 569.56 अंक या 0.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,011.60 के स्तर पर कारोबार किया, जबकि निफ्टी 186.55 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 24,937.45 पर पहुंच गया। बाजार ने आरबीआई के फैसले को सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हुए तेजी का रुख अपनाया।
विश्लेषकों का मानना है कि इस कटौती से ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ता और उद्योग दोनों को कर्ज सस्ता मिलेगा। इससे निवेश और खर्च बढ़ने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
आरबीआई के इस निर्णय ने भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल पैदा कर दिया है, खासकर बैंकिंग सेक्टर में जहां निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। तरलता में वृद्धि और ब्याज दरों में कटौती से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है, जो आने वाले समय में बाजार के लिए फायदेमंद साबित होगी।