उत्तराखंडराजनीति

महेंद्र भट्ट फिर संभालेंगे उत्तराखंड बीजेपी की कमान, निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय

Mahendra Bhatt will again take over the command of Uttarakhand BJP, he is sure to become the president unopposed

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा संगठनात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए महेंद्र भट्ट का दोबारा चयन लगभग तय हो गया है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान केवल महेंद्र भट्ट ने ही आवेदन किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वे निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ मौजूद रहे, जिससे यह संकेत मिला कि पार्टी नेतृत्व का पूरा समर्थन उनके साथ है।

पहली बार अध्यक्ष और अब दूसरी पारी की शुरुआत

महेंद्र भट्ट ने 30 जुलाई 2022 को पहली बार उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने यह जिम्मेदारी मदन कौशिक के स्थान पर ली थी। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने संगठनात्मक मजबूती और चुनावी रणनीतियों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में पार्टी ने राज्य में कई स्तरों पर सक्रियता दिखाई और आगामी चुनावों की तैयारियों को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया। अब जब अध्यक्ष पद के लिए केवल उनका नाम सामने आया है, तो यह तय है कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से प्रदेश संगठन की कमान सौंपने जा रही है।

राज्यसभा सदस्य और समितियों में प्रभावी योगदान

भारतीय जनता पार्टी ने 2 अप्रैल 2024 को महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की प्रमुख समितियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। इनमें चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की प्राकलन समिति, आश्वासन समिति, पलायन समिति और आवास समिति जैसे महत्वपूर्ण निकाय शामिल हैं। इन समितियों में काम करने का अनुभव उन्हें नीति-निर्माण और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ देता है।

राजनीति में लंबे अनुभव के धनी

महेंद्र भट्ट का राजनीतिक सफर 1991 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू हुआ। संगठनात्मक स्तर पर उनकी सक्रियता ने उन्हें लगातार जिम्मेदारियों के नए अवसर दिए। वे युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा रहे हैं और संगठन में विभिन्न पदों पर काम करते हुए पार्टी के भीतर मजबूत पकड़ बनाई है।

महेंद्र भट्ट का दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनना उनके अनुभव, संगठनात्मक दक्षता और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत भाजपा के लिए यह एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है, जिससे पार्टी को राज्य में और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।

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