
नैनीताल: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना, जो देश के प्रत्येक नागरिक को 2024 तक पानी का कनेक्शन मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ शुरू की गई थी, नैनीताल और कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्रों में धीमी प्रगति के कारण सवालों के घेरे में आ गई है। निर्धारित समय सीमा के बावजूद अब तक इन क्षेत्रों में केवल 60% काम ही धरातल पर उतर सका है। योजना की इस धीमी रफ्तार और लापरवाही से भाजपा के स्थानीय विधायक बंशीधर भगत और सरिता आर्य भी खासे नाराज हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार की इस योजना के क्रियान्वयन में बरती जा रही लापरवाही की तीखी आलोचना की है।
गुरुवार को नैनीताल स्थित राज्य अतिथि गृह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत और नैनीताल विधायक सरिता आर्य ने योजना के अधूरे कार्यों और काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। दोनों विधायकों ने इस महत्वपूर्ण योजना में हो रही देरी और घटिया निर्माण को लेकर चिंता व्यक्त की। बंशीधर भगत ने कहा, “यह योजना केंद्र सरकार की एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है, जिससे आने वाले 25 वर्षों तक देश की जनता को स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होनी थी। लेकिन अफसोस की बात है कि योजना के कार्यान्वयन में लापरवाही हो रही है।”
विधायक बंशीधर भगत ने अधिकारियों पर उठाए सवाल
भगत ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के सभी घरों में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया था, जो 2024 में पूरी हो जानी चाहिए थी। लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते यह योजना अब तक 60 प्रतिशत भी पूरी नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा, “काम को जिस गति से किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ। अधिकारियों की इस ढिलाई से केंद्र सरकार की छवि खराब हो रही है।” उन्होंने आगे बताया कि वे जल्द ही इस मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे और काम को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए दबाव बनाएंगे।
नैनीताल विधायक सरिता आर्य ने भी जताई चिंता
नैनीताल विधायक सरिता आर्य ने भी जल जीवन मिशन के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने में लापरवाही बरती जा रही है। कई जगहों पर पाइपलाइनें खुले में बिछाई जा रही हैं, जो योजना के पूरी तरह से चालू होने से पहले ही टूटने लगी हैं। “इन पाइपों की गुणवत्ता बेहद खराब है, और कई स्थानों पर इनसे दुर्घटनाएं हो रही हैं,” उन्होंने कहा। आर्य ने यह भी बताया कि कार्यदायी संस्थाएं पूरी जिम्मेदारी से काम नहीं कर रही हैं, जिससे परियोजना में लगातार देरी हो रही है। उन्होंने कहा, “अगर इस तरह की लापरवाही जारी रही तो जनता को इस योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा।”
योजना को लेकर नाराजगी और अधिकारियों की जिम्मेदारी
दोनों विधायकों ने मिलकर यह आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही और कार्यदायी संस्थाओं की धीमी कार्यप्रणाली इस योजना के सफल क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने यह भी कहा कि योजना के तहत काम की गुणवत्ता की सही से जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
आम जनता में भी असंतोष
‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना की धीमी प्रगति को लेकर आम जनता के बीच भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि उन्होंने इस योजना से बहुत उम्मीदें लगाई थीं, लेकिन अब तक उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। क्षेत्र के कई हिस्सों में अभी भी जल आपूर्ति नियमित नहीं हो पाई है, और पाइपलाइन बिछाने का काम कई जगहों पर अधूरा पड़ा हुआ है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पाइपलाइनें टूटने के कारण पहले से ही जल संकट का सामना कर रहे लोग और अधिक परेशान हो रहे हैं।
विधायकों की मांग: समय पर पूरा हो योजना
दोनों विधायकों ने सरकार से मांग की है कि योजना के क्रियान्वयन की निगरानी कड़ी की जाए और जल्द से जल्द इसे पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जनता की जरूरतों को देखते हुए काम में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि योजना का लाभ हर घर तक पहुंच सके। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं पर सख्त नजर रखी जाए ताकि लापरवाही न हो और गुणवत्ता से समझौता न किया जाए।
आगे की योजना
बंशीधर भगत और सरिता आर्य ने संयुक्त रूप से कहा कि अगर योजना में सुधार नहीं होता है और काम की रफ्तार नहीं बढ़ती, तो वे इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि **अगर विभागीय अधिकारियों ने इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।**
कुल मिलाकर, ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना की धीमी प्रगति से ना केवल स्थानीय विधायक बल्कि आम जनता भी परेशान है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और कैसे इस महत्वपूर्ण योजना को समय पर पूरा किया जाता है।