धामी कैबिनेट की अहम बैठक, आपदा राहत, पेपरलीक और शिक्षकों के आंदोलन पर फैसलों की उम्मीद
Important meeting of Dhami cabinet: Decisions expected on disaster relief, paper leak and teachers' agitation

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से बिगड़े हालात, UKSSSC पेपरलीक विवाद और शिक्षकों के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हुई। इस बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल और सौरभ बहुगुणा समेत सभी वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य मौजूद हैं। बैठक में तीन प्रमुख मुद्दों—आपदा राहत, पेपरलीक मामले की जांच और शिक्षकों की मांगों पर गहन चर्चा होने की संभावना है।
आपदा राहत पर फोकस
पिछले कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कें टूट गई हैं, संचार व्यवस्था ठप हो गई है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घरों में कैद हैं। कुमाऊं और गढ़वाल के कई हिस्सों में भूस्खलन और नदी-नालों के उफान ने हालात को गंभीर बना दिया है। कैबिनेट बैठक में प्रभावित जिलों के लिए राहत पैकेज, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता जैसे कदमों पर विचार होने की संभावना है। मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही कहा था कि प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से मदद पहुंचाने के लिए सरकार हर संभव संसाधन जुटाएगी।
UKSSSC पेपरलीक मामले पर रणनीति
हाल ही में सामने आए UKSSSC पेपरलीक प्रकरण ने प्रदेश के युवाओं में भारी आक्रोश पैदा किया है। हजारों अभ्यर्थी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बेरोजगार संघ ने हाल ही में देहरादून में प्रदर्शन कर सचिवालय कूच किया था। पुलिस और STF ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन मुख्य आरोपी खालिद अभी फरार है। कैबिनेट इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने पर विचार कर सकती है, जिसमें जांच को तेज करना, आरोपियों की संपत्ति जब्त करना और परीक्षाओं की सुरक्षा के लिए नए नियम लागू करना शामिल हो सकता है।
शिक्षकों की मांगें और समाधान
उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ के 25 हजार से अधिक शिक्षक आंदोलनरत हैं। उनकी तीन मुख्य मांगों में प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती रद्द करना, प्रमोशन प्रक्रिया शुरू करना और शिक्षक तबादला प्रक्रिया लागू करना शामिल है। कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी और सरकार संभवतः शिक्षकों से संवाद कर कोई मध्यमार्ग निकालने की कोशिश करेगी, ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो।
जनता की उम्मीदें
बैठक में लिए गए फैसले सीधे प्रदेशवासियों के दैनिक जीवन को प्रभावित करेंगे। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पेपरलीक प्रकरण में न्याय और शिक्षकों की मांगों का समाधान—इन तीनों पर निर्णय राज्य के सामाजिक और राजनीतिक माहौल को प्रभावित करेंगे। मुख्यमंत्री धामी बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर परिणाम साझा कर सकते हैं। जनता की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि इसके फैसले सीधे उनके जीवन और विश्वास पर असर डालेंगे।