
गणतंत्र दिवस परेड से पहले देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय रंगशाला शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। इस आयोजन में उत्तराखंड के कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए द्वितीय स्थान हासिल किया। ये वही कलाकार हैं, जो गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
साल 2018 के बाद दूसरी बार मिला पुरस्कार
उत्तराखंड के कलाकारों को यह सम्मान दूसरी बार प्राप्त हुआ है। इससे पहले, 2018 में उत्तराखंड झांकी के कलाकारों को तृतीय स्थान का पुरस्कार मिला था। इस बार उत्तराखंड की झांकी में 16 कलाकार शामिल हैं, जो राज्य की कला और संस्कृति को देश के सामने प्रस्तुत करेंगे।
साढ़े तीन मिनट की प्रस्तुति में दिखाया उत्तराखंड का जादू
उत्तराखंड सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक और टीम लीडर केएस चौहान ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड के सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रत्येक दल को केवल साढ़े तीन मिनट का समय दिया जाता है। इस दौरान कलाकारों को अपनी प्रस्तुति से यह दिखाना होता है कि वे कितनी तैयारी और कौशल के साथ आए हैं।
जागर गायन और छपेली नृत्य से जीता दिल
इस साल उत्तराखंड के कलाकारों ने प्रसिद्ध जागर गायन और छपेली लोकनृत्य प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों में उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखाई गई, जिसे प्रतियोगिता समिति ने बहुत सराहा। इसी के चलते राज्य को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।
गर्व का विषय है यह उपलब्धि
संयुक्त निदेशक केएस चौहान ने बताया कि उत्तराखंड के कलाकारों ने 14 जनवरी से नियमित अभ्यास किया, जिसके कारण यह शानदार परिणाम सामने आया। यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व का विषय है और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक होगी।
26 जनवरी के बाद भी होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
गणतंत्र दिवस परेड के बाद उत्तराखंड के ये कलाकार राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और जनजातीय मंत्री के समक्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कलाकारों में उत्साह और ऊर्जा का संचार है, और वे आगामी प्रस्तुतियों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।