
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन शीघ्रता से किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए नीति को जमीनी स्तर पर लागू करना अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर ठोस कार्य योजना बनाई जाए।
पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा और पर्यावरणीय जागरूकता होगी शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान, बल्कि नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों से भी परिचित कराना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूल पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा और पर्यावरणीय शिक्षा को प्रमुखता से शामिल किया जाए। इससे बच्चों में जिम्मेदारी की भावना और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता का विकास होगा।
स्थानीय साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को मिलेगा स्थान
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महान विभूतियों का योगदान, लोक साहित्य और लोक कला को भी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया जाए। इससे विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद मिलेगी और उत्तराखंड की समृद्ध परंपराएं नई पीढ़ी तक पहुंच सकेंगी।
संपूर्ण विकास के लिए कौशल विकास और स्वास्थ्य शिक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। विद्यार्थियों के कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, और संगीत व कला जैसे रचनात्मक विषयों को भी स्कूलों में बढ़ावा दिया जाए। यह पहल बच्चों के व्यक्तित्व विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।
समाज और उद्योगों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठान CSR फंड के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र को सहयोग करें। इससे आवश्यक संसाधनों की पूर्ति और स्कूलों के बुनियादी ढांचे के सुधार में मदद मिलेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी आवश्यक संसाधन की कमी नहीं होने देगी।