मसूरी में बादलों का कहर, मूसलाधार बारिश से जनजीवन ठप
Clouds wreak havoc in Mussoorie, heavy rains bring normal life to a standstill

मसूरी: हिमालयी रानी मसूरी में बीती रात हुई तेज बारिश ने शहर की रफ्तार रोक दी। रातभर चली मूसलाधार बारिश के बाद सुबह जब लोग घरों से बाहर निकले तो जगह-जगह भूस्खलन, गिरे पेड़ और टूटी पगडंडियां दिखाई दीं। कई इलाकों में सड़कें बंद हैं और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो गई है।
बार्लोगंज और आसपास सबसे ज्यादा असर
शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बारिश ने सुमित्रा भवन, इंदिरा कॉलोनी, जबरखेत, बार्लोगंज और मैरीविल एस्टेट में भारी नुकसान पहुंचाया। सबसे गंभीर स्थिति बार्लोगंज में रही, जहां पहाड़ी दरकने से पूरी सड़क बह गई और संपर्क मार्ग टूट गया।
मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित
मसूरी-देहरादून मार्ग पर कई स्थानों पर पेड़ गिरने से यातायात ठप हो गया। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि मलबा हटने तक इस मार्ग पर यात्रा से बचें। सिया गांव के पास मसूरी-कैम्पटी रोड पर सड़क धंसने से एक स्कूटी खाई में जा गिरी, हालांकि बड़ा हादसा टल गया। बार्लोगंज में भी स्कूटी फिसलने से दो युवक घायल हुए जिन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
प्रशासन ने संभाली कमान, राहत कार्य जारी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मसूरी राहुल आनंद स्वयं मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने कहा कि कई संपर्क मार्ग बाधित हैं और संबंधित विभागों को सड़कें जल्द खोलने के निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग और पुलिस की टीमें मलबा हटाने में जुटी हैं, जबकि मशीनरी और कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी, पर्यटन पर असर
मसूरी प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश का पूर्वानुमान जताया है। लगातार बरसात से पर्यटन उद्योग को भी बड़ा झटका लगा है। कई होटल बुकिंग रद्द हो चुकी हैं और पहले से मौजूद पर्यटक सुरक्षित स्थानों पर ठहरे हुए हैं।
राहत और पुनर्वास की चुनौती
फिलहाल प्रशासन का ध्यान मलबा हटाने और घायलों की मदद पर है। प्रभावित परिवारों को आपदा राहत मानकों के अनुसार आर्थिक सहायता देने की तैयारी की जा रही है। मसूरी की खूबसूरत वादियों में आई इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर याद दिलाया है कि पहाड़ी इलाकों में मौसम का अचानक बदलना कितना खतरनाक हो सकता है।