
देहरादून 26/09/2024: ऊर्जा निगमों में उपनल के माध्यम से तैनात संविदा कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन की तैयारी कर ली है। विद्युत संविदा एकता मंच के बैनर तले 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया गया है। कर्मियों की 13 सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण, समान काम के लिए समान वेतन, और महंगाई भत्ता प्रमुख मुद्दे हैं।
कर्मचारियों की मांगें: सालों पुरानी, समाधान अब भी अधर में
कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें कई सालों से लंबित हैं और इस बार भी वे अपने इन मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। ऊर्जा निगम प्रबंधन से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, और इस बार कर्मचारियों को शासन से उम्मीद है कि उनकी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।
शांतिपूर्ण विरोध: काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन
फिलहाल, संविदा कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधकर अपने तैनाती स्थलों पर काम किया। सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा कर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन को प्रबंधन और शासन तक पहुंचाया। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो विरोध आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।
महंगाई भत्ता आदेश और सरकार की वापसी
इससे पहले सरकार ने संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (VDA) देने का आदेश जारी किया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर सरकार को यह आदेश वापस लेना पड़ा। इस फैसले के वित्तीय दबाव और अन्य विभागों के कर्मचारियों द्वारा इसी प्रकार की मांग उठाने की संभावना के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। समान काम-समान वेतन और नियमितीकरण के मुद्दे पर हाईकोर्ट का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आया था, लेकिन सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, जो अब भी लंबित है।
ऊर्जा निगम की प्रतिक्रिया और शासन का रुख
ऊर्जा निगम प्रबंधन कर्मचारियों के इस आंदोलन को लेकर चिंतित है और कर्मचारी संगठन से बातचीत कर रहा है। निगम प्रबंधन का मानना है कि ये मांगें शासन स्तर पर ही पूरी हो सकती हैं, इसलिए शासन से संवाद किया जा रहा है।
ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि कर्मचारियों के संगठन से संवाद किया जा रहा है और उनकी मांगों पर विचार हो रहा है। हालांकि, वित्तीय स्थितियों को देखते हुए कोई भी निर्णय लिया जाएगा। कर्मचारियों से आंदोलन वापस लेने की अपील भी की गई है।
इस आंदोलन को लेकर स्थिति काफी तनावपूर्ण नजर आ रही है, और यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन उग्र रूप लेने की संभावना है।