उत्तराखंड में कहर बनकर बरसी बारिश, बोलेरो पर गिरा विशाल बोल्डर, दो की मौत, चार गंभीर घायल
Rain wreaked havoc in Uttarakhand, huge boulder fell on Bolero, two dead, four seriously injured

कोटद्वार, पौड़ी: उत्तराखंड में मानसून ने अपना भयानक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह पौड़ी जनपद के कोटद्वार-दुगड्डा नेशनल हाईवे पर एक दर्दनाक हादसे में दो लोगों की जान चली गई और चार गंभीर रूप से घायल हो गए। भारी बारिश के चलते सिद्धबली बैरियर के पास एक विशाल बोल्डर अचानक पहाड़ी से गिरा और बोलेरो (UK11 TA 1610) वाहन पर आ गिरा।
एक ही पल में तबाह हुई जिंदगी
हादसा इतना भीषण था कि बोलेरो वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में कुल छह लोग सवार थे, जिनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी चार घायलों को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया और तत्काल कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
मौके पर पहुंचे अधिकारी, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत बल घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। कोटद्वार क्षेत्राधिकारी निहारिका सेमवाल ने जानकारी दी कि हादसा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था और घायलों को सर्वोत्तम इलाज दिया जा रहा है।
लगातार बारिश से पहाड़ी रास्ते खतरे में
अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण पहाड़ों में चट्टानों के खिसकने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इससे पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करना अत्यंत जोखिम भरा हो गया है। प्रशासन ने यात्रियों और वाहन चालकों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति की जानकारी लेकर ही पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाएं।
स्थानीय लोगों का आरोप—प्रशासन बेपरवाह
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इस मार्ग पर पहले भी बोल्डर गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान या सुरक्षा उपाय नहीं किए गए। हादसे के बाद मार्ग पर लंबा जाम लग गया था, जिसे हटाने में घंटों लगे।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने पर्वतीय जिलों में आने वाले दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
पौड़ी में 11 सड़कें बंद, नदियों का जलस्तर खतरे के करीब
बारिश के कारण पौड़ी जनपद में 11 मोटर मार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग की टीमें इन्हें खोलने में लगी हैं। साथ ही अलकनंदा सहित अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय बन गया है।
सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
उत्तराखंड में इस समय प्राकृतिक आपदा का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों दोनों की जिम्मेदारी है कि वे सतर्क रहें, सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और संभावित खतरे से समय रहते बचाव के उपाय करें।