उत्तराखंड

अतिवृष्टि से तबाही: रुद्रप्रयाग के तीन गांवों में बदला भूगोल, कई घर क्षतिग्रस्त

Destruction due to heavy rains: Geography changed in three villages of Rudraprayag, many houses damaged

रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि ब्लॉक में शुक्रवार की रात आई मूसलाधार बारिश ने तीन गांवों—बेड़ू बगड़, चमेली और बगड़ धार तोक—को बुरी तरह प्रभावित किया। रुमसी गदेरा में अचानक आई बाढ़ से गांवों में भारी मलबा और पानी भर गया। रात के अंधेरे में ग्रामीणों ने अपने घरों से निकलकर जान बचाई। इस प्राकृतिक आपदा ने जहां कई घरों को तहस-नहस कर दिया, वहीं कई मकान अब खतरनाक स्थिति में पहुंच गए हैं।

ग्राउंड जीरो से भयावह तस्वीरें

जब स्थिति सामान्य हुई और मीडिया व प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं, तो गांवों में चारों ओर तबाही के दृश्य देखने को मिले। गलियों में मलबा जमा था, खेत पत्थरों से पट गए थे, और मकानों की नींव तक उखड़ चुकी थी। कुछ घर हवा में लटकते दिखे, जिनके नीचे की जमीन पूरी तरह बह चुकी थी। ग्रामीणों के अनुसार, पूरी रात वे खुले आसमान के नीचे गुजारने को मजबूर हुए।

बदल गया गांवों का नक्शा

रुमसी गदेरा के उफान और बहते मलबे ने इन गांवों के भूगोल को पूरी तरह बदल दिया है। जहां पहले रास्ते और खेत थे, अब वहां कीचड़, बोल्डर और मलवा जमा है। नदी के बहाव के साथ आए भारी पत्थरों ने पूरे इलाके को बंजर बना दिया है। स्थिति इतनी विकट है कि सामान्य संसाधनों से पुनर्स्थापना का कार्य संभव नहीं लग रहा।

निर्माण कार्यों में लापरवाही बनी आपदा की वजह

ग्रामीणों ने आपदा की एक बड़ी वजह निर्माण एजेंसियों की लापरवाही को बताया है। उनका कहना है कि केदारनाथ हाईवे से जुड़े लिंक रोड का निर्माण करते समय जानबूझकर मलबा रुमसी गदेरे में फेंका गया, जिससे उसका प्रवाह बाधित हुआ। अतिवृष्टि के समय यह मलबा पानी के साथ गांवों की ओर बह गया और तबाही का कारण बना। ग्रामीणों ने ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है।

बिजली-पानी व्यवस्था ध्वस्त

बारिश के बाद से गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत कार्यों में भी बाधाएं आ रही हैं।

प्रशासनिक मदद की आस

फिलहाल ग्रामीण प्रशासन से मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब तक मिली राहत नाकाफी साबित हो रही है। लोग चाहते हैं कि सरकार शीघ्र ही राहत और पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे, ताकि सामान्य जीवन फिर से शुरू हो सके।

 

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