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देहरादून: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में जन आक्रोश रैली आयोजित

Dehradun: Public outrage rally organised against atrocities on Hindu minorities in Bangladesh

देहरादून, 10 दिसंबर 2024: रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में आज बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में विभिन्न संगठनों, नागरिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की विशेष उपस्थिति कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने दर्ज कराई, जिन्होंने इस मुद्दे पर सरकार और समाज से ठोस कार्रवाई की अपील की।

अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का मंच

रैली का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरूकता फैलाना और इस गंभीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना था। आयोजकों ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा और भेदभाव ने उनकी सामाजिक और धार्मिक स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है।

कैबिनेट मंत्री का संबोधन

कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, “यह केवल एक देश या धर्म का मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवता के मूल अधिकारों की रक्षा का प्रश्न है। हमें हर स्तर पर इस मुद्दे को उठाना चाहिए, चाहे वह कूटनीतिक स्तर हो या सामाजिक। भारत सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसके समाधान के लिए कदम उठा रही है।”

समर्थन और एकजुटता का प्रदर्शन

रैली में उपस्थित लोगों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रति अपनी सहानुभूति और समर्थन व्यक्त किया। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाषण दिए और इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

मांग और सुझाव

रैली में यह मांग की गई कि भारत सरकार बांग्लादेश पर राजनयिक दबाव बनाए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाए। इसके साथ ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की गई।

निष्कर्ष

जन आक्रोश रैली ने एक मजबूत संदेश दिया कि मानव अधिकारों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है। देहरादून के नागरिकों और संगठनों ने इस रैली के माध्यम से अपनी एकजुटता और सक्रियता दिखाई, जिससे यह मुद्दा और व्यापक रूप से उठ सके।

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