उत्तराखंड

गैरसैंण सदन में हंगामा, कांग्रेस ने माइक फेंका, टेबल पलटा… क्या विधानसभा बन गई अखाड़ा?

Ruckus in Gairsain House, Congress threw mic, overturned table… Has the assembly become an arena?

भराड़ीसैंण: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण भवन में शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों ने माइक फेंकने और टेबल पलटने तक की कोशिश की, जिससे माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। सत्ता पक्ष ने इसे अराजकता करार देते हुए विपक्ष पर लोकतांत्रिक परंपराओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया।

विपक्ष का आक्रामक रुख

जैसा कि अनुमान था, कांग्रेस ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर दिखाए। नैनीताल पंचायत चुनावों में कथित धांधली और उत्तरकाशी आपदा को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी के साथ हंगामा तेज कर दिया।

माइक फेंकने और टेबल पलटने तक पहुंचा मामला

हंगामे के दौरान विपक्षी विधायक विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए। वहां माइक फेंकने और टेबल पलटने की कोशिश की गई। स्थिति बिगड़ती देख स्पीकर की सुरक्षा टीम को हस्तक्षेप करना पड़ा। कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा।

स्पीकर की सख्त चेतावनी

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्ष से कहा कि वे सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “यह संपत्ति जनता के टैक्स से बनी है। इसे नुकसान पहुंचाना जनता के हितों के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे अपनी बात मजबूती से रखें लेकिन अराजकता का रास्ता न अपनाएं।

विपक्ष के आरोप

कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार नैनीताल में हुई हिंसा और पंचायत चुनाव में गड़बड़ी को दबाने की कोशिश कर रही है। विधायक सुमित हृदयेश और भुवन कापड़ी ने कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, विरोध जारी रहेगा।

संसदीय कार्य मंत्री की प्रतिक्रिया

संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने विपक्षी विधायकों के व्यवहार को शर्मनाक बताया और कहा कि उन्होंने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने मांग की कि इस तरह का आचरण करने वाले विधायकों पर कड़ी कार्रवाई हो।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की परंपरा ही अराजकता की रही है। पार्टी नेताओं ने कहा कि जनता के मुद्दों पर गंभीर चर्चा की बजाय कांग्रेस हिंसक रवैया अपनाती है। भाजपा का कहना है कि सरकार आपदा प्रभावितों के लिए गंभीरता से काम कर रही है, लेकिन कांग्रेस केवल राजनीतिक स्वार्थ में उलझी हुई है।

आगे के सत्र पर संशय

सत्र की शुरुआत में ही हुए इस हंगामे से संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में और टकराव देखने को मिलेगा। विपक्ष सरकार को पंचायत चुनाव, आपदा प्रबंधन और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है।

जनता की उम्मीदें अधर में

जनता अब यह देख रही है कि सदन में उनके मुद्दों पर ठोस चर्चा होगी या फिर पूरा सत्र आरोप-प्रत्यारोप में ही निकल जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही तो सत्र की सार्थकता पर प्रश्नचिह्न लगना तय है।

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