
देहरादून, 10 मई: उत्तराखंड सरकार राज्य की आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने छह नए जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वर्तमान में सिविल डिफेंस की यूनिट केवल देहरादून में ही कार्यरत है, लेकिन राज्य के बदलते हालातों और बढ़ते खतरों को देखते हुए इसका विस्तार आवश्यक हो गया है।
इन छह जिलों में होगी सिविल डिफेंस की तैनाती
सरकार की योजना के अनुसार अब हरिद्वार, उधम सिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जैसे संवेदनशील और सीमावर्ती जिलों में भी सिविल डिफेंस यूनिट की स्थापना की जाएगी। ये जिले या तो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे हैं या फिर आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं। इन इलाकों में सिविल डिफेंस की तैनाती से आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी।
देहरादून से शुरू हुई थी सिविल डिफेंस की शुरुआत
देहरादून में सिविल डिफेंस की शुरुआत वर्ष 1970 में हुई थी, जब शहर की जनसंख्या लगभग चार लाख थी। उस समय 22 सिविल डिफेंस पोस्ट बनाए गए थे। वर्तमान में देहरादून में लगभग 250 सिविल डिफेंस वार्डन कार्यरत हैं, जबकि अब शहर की आबादी 20 लाख से अधिक हो चुकी है। ऐसे में सिविल डिफेंस के ढांचे को विस्तार देना समय की मांग बन गई है।
अन्य शहरों को भी मिल सकती है शामिली
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि कोटद्वार, रुड़की और हल्द्वानी जैसे तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में भी सिविल डिफेंस यूनिट स्थापित की जाए। हालांकि, इन स्थानों को योजना में शामिल करने का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद ही लिया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य को आपदा से निपटने में और अधिक सक्षम बनाएगी। यदि केंद्र से अनुमति मिलती है, तो यह राज्य के आपदा प्रबंधन ढांचे के लिए एक बड़ा सशक्तिकरण होगा।