धामी कैबिनेट बैठक में 8 अहम फैसले- UCC संशोधन और रायपुर फ्रीज जोन में निर्माण की अनुमति
8 important decisions in Dhami cabinet meeting – UCC amendment and permission to build in Raipur Freeze Zone

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रदेश हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक सुबह 10:30 बजे शुरू हुई और लगभग तीन घंटे चली। कुल 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें रायपुर फ्रीज जोन में निर्माण की अनुमति, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) में संशोधन और महिला एवं बाल विकास योजनाओं के अपग्रेडेशन जैसे अहम फैसले शामिल हैं।
रायपुर फ्रीज जोन में छोटे निर्माण की अनुमति
मुख्यमंत्री धामी ने रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन निर्माण के मद्देनजर घोषित फ्रीज जोन में राहत दी है। अब इस क्षेत्र में व्यक्तिगत आवास और दुकानें बनाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए आवास विभाग अलग से गाइडलाइन जारी करेगा। इस निर्णय से स्थानीय नागरिकों और छोटे व्यवसायियों को निर्माण की सुविधा मिलने के साथ-साथ विकास कार्यों में गति आएगी।
UCC नियमावली में संशोधन
उत्तराखंड में लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण में नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं होता। कैबिनेट ने UCC नियमावली में संशोधन करते हुए इन नागरिकों के लिए अन्य वैध दस्तावेजों को मान्यता देने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में इन देशों के नागरिक विवाह पंजीकरण कर सकेंगे और उन्हें कानूनी राहत मिलेगी।
महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए निर्णय
मंत्रिमंडल ने प्रदेश के मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने का निर्णय लिया। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक कर्मचारियों को पांच साल की सेवा पूरी होने पर पूरे सेवा काल में एक बार स्थानांतरण (ट्रांसफर) का लाभ देने का प्रावधान भी मंजूर किया गया।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
कैबिनेट ने कर्मिक विभाग के नियमों में सुधार करते हुए शिथिलीकरण का लाभ देने, राज्य स्थापना के 25वें वर्ष पर विशेष सत्र आयोजित करने और सार्वजनिक उपक्रमों के लाभांश वितरण नीति के तहत 15 प्रतिशत आफ्टर टैक्स प्रॉफिट सरकार को देने जैसे निर्णय भी लिए।
इस बैठक के निर्णयों को विकास और प्रशासनिक सुधारों के संतुलन का उदाहरण माना जा रहा है। जहाँ नागरिकों को राहत देने वाले कदम उठाए गए हैं, वहीं सरकारी कर्मचारियों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी सुधार सुनिश्चित किया गया है।