देहरादून में मूसलधार बारिश से तबाही, नदी-नाले उफान पर, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
Torrential rain wreaks havoc in Dehradun, rivers and streams in spate, orange alert in many districts

देहरादून: 11 अगस्त को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दोपहर से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने कुछ ही घंटों में शहर की सूरत बदल दी। सड़कों पर तेज बहाव, घरों में घुसा पानी और नदी-नालों का उफान ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया। मौसम विभाग पहले ही तीन घंटे के अलर्ट के साथ कई जिलों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी दे चुका था।
नालापानी में मवेशी बहे, लोगों में दहशत
देहरादून के नालापानी क्षेत्र में बारिश का असर सबसे भयावह रहा। यहां तेज धारा में आधा दर्जन से ज्यादा गाय बह गईं। वायरल वीडियो में मवेशियों को पानी से जूझते देखा जा सकता है, लेकिन बहाव इतना तेज था कि कोई बचाव कार्य संभव नहीं हो पाया।
औद्योगिक क्षेत्र में पानी से बढ़ा खतरा
आईटी पार्क और आसपास के औद्योगिक इलाकों में पानी का बहाव इतना तेज हुआ कि बिजलीघर तक पानी पहुंच गया। इससे बिजली आपूर्ति पर संकट खड़ा हो गया। कई मोहल्लों में पानी घरों के भीतर घुस गया, जिससे लोगों को सामान सुरक्षित स्थान पर ले जाने की जल्दी मच गई।
टपकेश्वर मंदिर में नदी का पानी
देहरादून का ऐतिहासिक टपकेश्वर महादेव मंदिर भी इस बारिश से प्रभावित हुआ। तमसा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी के चलते पानी मंदिर परिसर में घुस आया। सोमवार के दिन यहां आमतौर पर भारी भीड़ रहती है, लेकिन सुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया।
पहाड़ी जिलों में बंद हुए रास्ते
बारिश का असर पहाड़ी जिलों में भी देखने को मिला। रुद्रप्रयाग के जवाड़ी बाईपास पर भूस्खलन से यातायात ठप हो गया। भटवाड़ीसैण और चमोली जिले के भनेरपानी के पास बदरीनाथ हाईवे मलबा आने से अवरुद्ध हुआ, जिसे बाद में मशीनरी लगाकर खोला गया।
अगले तीन दिन बारिश जारी रहने का अनुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन दिनों तक राज्य में भारी बारिश हो सकती है। विशेषकर पहाड़ी इलाकों में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। नदियों-नालों से दूरी बनाए रखने और अनावश्यक बाहर निकलने से परहेज करने का आग्रह किया गया है।
प्रशासन की राहत-बचाव मुहिम
देहरादून और प्रभावित जिलों में प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
यह बारिश केवल मौसमी बदलाव का असर नहीं, बल्कि आपदा की स्थिति में बदल चुकी है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और मैदानों में बाढ़ जैसे हालात ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। सतर्कता और प्रशासनिक निर्देशों का पालन ही इस संकट से निपटने का सबसे सुरक्षित तरीका है।