उत्तराखंड

Uttarakhand Yoga Policy: अधिसूचना जारी होने के ढाई महीने बाद भी नियमावली अधर में, योग निदेशालय की स्थापना जल्द

Even after two and a half months of notification, rules are still in limbo, Yoga Directorate to be established soon

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने 21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश की पहली योग नीति की अधिसूचना जारी की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में इसे लागू करने की घोषणा की। लेकिन अधिसूचना जारी होने के ढाई महीने बाद भी नीति का कार्यान्वयन धरातल पर नहीं उतर पाया है, क्योंकि आयुष विभाग अब तक इसकी नियमावली (Guidelines) तैयार नहीं कर पाया है।

नियमावली अंतिम चरण में

आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योग नीति की नियमावली का ड्राफ्ट अंतिम चरण में है। पहले ड्राफ्ट में कुछ खामियां पाई गई थीं, जिन्हें शासन स्तर पर सुधारने के निर्देश दिए गए। विभाग अब नया ड्राफ्ट तैयार कर रहा है, जिसे अगले एक महीने के भीतर मंजूर किए जाने की संभावना है। नियमावली की मंजूरी के बाद प्रदेश की सभी योग संस्थाओं को योगा सर्टिफिकेशन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।

योग नीति से होगा व्यापक लाभ

नीति लागू होने पर उत्तराखंड न केवल देवभूमि के रूप में प्रसिद्ध होगा, बल्कि योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में भी स्थापित होगा। नीति में योग निदेशालय की स्थापना, योग केंद्रों का रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, अनुसंधान को प्रोत्साहन और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रावधान शामिल हैं।

योग निदेशालय बनेगा संचालन इकाई

योग निदेशालय नियमावली लागू करने, अनुदान वितरित करने, योग केंद्रों की मान्यता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का काम करेगा। इसमें निदेशक, संयुक्त निदेशक, योग विशेषज्ञ और रजिस्ट्रार समेत अन्य स्टाफ शामिल होंगे। सरकार अगले पांच वर्षों में इसके लिए लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखती है।

सब्सिडी और रिसर्च अनुदान

नए योग केंद्र खोलने पर राज्य सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में 50% और मैदानी क्षेत्रों में 25% सब्सिडी दी जाएगी। अधिकतम 20 लाख और 10 लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है। योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च के लिए एक करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध होगा। एक प्रोजेक्ट पर अधिकतम 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।

निर्धारित लक्ष्य और रोजगार

नीति के तहत 2030 तक कम से कम 5 नए योग हब (जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील) विकसित किए जाएंगे। मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर में योग सेवाएं शुरू होंगी। 2028 तक 15-20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी की जाएगी। नीति लागू होने के बाद लगभग 13 हजार लोगों को योग प्रशिक्षक और अनुदेशक के रूप में रोजगार मिलेगा।

विशेषज्ञों की राय

आयुष विभाग के अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि गाइडलाइन जल्द तैयार हो जाएगी। योगाचार्य विपिन जोशी ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर बताया और स्थानीय लोगों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। नीति लागू होने से योग पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी और पलायन पर रोक लगेगी।

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