अवैध धर्मांतरण पर कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए महिला को बनाया निशाना
बरेली/ उत्तर प्रदेश: बरेली में लव जिहाद के एक मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। बरेली के फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने आरोपी मुस्लिम युवक को हिंदू महिला का अवैध धर्मातरण कराने का आरोपी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है। आदेश में कहा गया है कि लव जिहाद के जरिए अवैध धर्मांतरण किसी अन्य बड़े उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया जाता है। बरेली फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने आदेश में कहा कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य भारत पर प्रभुत्व स्थापित करना है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए उसने 25 वर्षीय मुस्लिम युवक को अवैध धर्मांतरण के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने 42 पन्नों के आदेश में कहा गया है कि लव जिहाद में मुस्लिम पुरुष व्यवस्थित रूप से हिंदू महिलाओं को शादी के जरिए इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए निशाना बनाते हैं। मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को धर्मांतरित करने के लिए उनसे प्यार का नाटक करके धोखे से शादी करते हैं। अगर भारत सरकार समय रहते लव जिहाद के जरिए अवैध धर्मांतरण को नहीं रोकती है, तो देश को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कोर्ट के आदेश में पूरी स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। बरेली कोर्ट ने हिंदू महिला के अवैध धर्मांतरण मामले में मुस्लिम युवक को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, लव जिहाद का उद्देश्य भी बता दिया। कोर्ट के आदेश के तहत अब मुस्लिम युवक को पूरी जिंदगी जेल में काटनी पड़ेगी।