उत्तराखंड

थपलियाल खेड़ा में एसएसबी की नई बीओपी के लिए वन भूमि का सफल हस्तांतरण

Successful transfer of forest land for new BOP of SSB at Thapliyal Kheda

चंपावत: भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के लिए एसएसबी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिले के टनकपुर स्थित थपलियाल खेड़ा ग्राम में एसएसबी की नई बीओपी (Border Outpost) निर्माण के लिए वन विभाग से 0.99 हेक्टेयर वन भूमि का विधिवत हस्तांतरण किया गया। इस अवसर पर एसएसबी डीआईजी अनिल कुमार शर्मा और 57वीं वाहिनी कमांडेंट मनोहर लाल के साथ वन विभाग की एसडीओ टनकपुर शालिनी जोशी मौजूद थीं।


सीमा सुरक्षा के लिए बड़ी उपलब्धि

एसएसबी अधिकारियों ने इस भूमि हस्तांतरण को भारत-नेपाल सीमांत सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताया। डीआईजी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि यह भूमि केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए आधारशिला है। कमांडेंट मनोहर लाल ने कहा कि नई सीमा चौकी 24×7 निगरानी और गश्त सुनिश्चित करेगी और सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाएगी।


घुसपैठ, तस्करी और आतंकवाद पर नियंत्रण

कमांडेंट मनोहर लाल ने बताया कि बीओपी के निर्माण से घुसपैठ, तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण संभव होगा। जवान नियमित गश्त करेंगे और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे। किसी भी दुर्घटना, अपराध या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।


स्थानीय विकास और जागरूकता कार्यक्रम

सीमा चौकी के निर्माण से क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा। स्थानीय युवाओं को जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा और उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। इससे सीमांत क्षेत्र में व्यापार, बाजार और सामाजिक विकास को भी बल मिलेगा। वन संपदा की सुरक्षा भी इस पहल का हिस्सा रहेगी।


हस्तांतरण प्रक्रिया और मौजूद लोग

भूमि हस्तांतरण समारोह में एसएसबी के उप कमांडेंट दीपक तोमर, निरीक्षक अमरेश कुमार, उप निरीक्षक शैलेंद्र कुमार और सहायक उप निरीक्षक राजू कुमार सिंह सहित वन विभाग के शालिनी जोशी, सुनील शर्मा, मुनेश सिंह राणा और पुष्पेन्द्र सिंह राणा उपस्थित थे।


सीमांत सुरक्षा और सामुदायिक सहयोग

कमांडेंट मनोहर लाल ने कहा, “स्थापित बीओपी न केवल सुरक्षा बढ़ाएगी बल्कि स्थानीय नागरिकों के सहयोग और विश्वास के साथ क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास को नई दिशा देगी।” इस नई बीओपी से सीमा सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।

इस कदम से भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की मौजूदगी और प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित होगा, जिससे सीमांत सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के विकास और वन संपदा की सुरक्षा भी मजबूत होगी।

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