उत्तराखंड

श्रावण के तीसरे सोमवार को उत्तराखंड में शिवभक्ति की लहर, सीएम धामी ने की पूजा-अर्चना

On the third Monday of Shravan, there was a wave of devotion towards Lord Shiva in Uttarakhand, CM Dhami performed puja

देहरादून: श्रावण मास के तीसरे सोमवार को उत्तराखंड में शिवभक्ति का अनूठा उत्साह देखने को मिला। इस शुभ अवसर पर प्रदेशभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी भगवान शिव की आराधना में लीन दिखे। उन्होंने विधिवत जलाभिषेक कर राज्यवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री ने किया शिवलिंग पर जलाभिषेक

सीएम धामी ने सोमवार सुबह एक शिव मंदिर पहुंचकर पारंपरिक विधियों से पूजा संपन्न की। शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हुए उन्होंने प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि सावन का पावन महीना आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का समय है।

सोशल मीडिया पर साझा किया शुभकामना संदेश

पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश साझा करते हुए लिखा,
“श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूँ। भोलेनाथ सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें।”
इस संदेश को सोशल मीडिया पर लोगों ने सराहा और आशीर्वाद के रूप में साझा किया।

हरिद्वार-कनखल में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

हरिद्वार स्थित प्रमुख शिव मंदिरों जैसे दक्षेश्वर महादेव, नीलधारा महादेव और बिल्वकेश्वर महादेव में सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए जुटने लगे। विशेष रूप से कनखल के दक्ष मंदिर में भारी भीड़ रही, जहां मान्यता है कि सावन में भगवान शिव ससुराल में वास करते हैं।

सावन सोमवार का धार्मिक महत्व

हिंदू परंपरा में सावन का प्रत्येक सोमवार शिव आराधना के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करते हैं और व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई प्रार्थना शिव जी अवश्य सुनते हैं।

प्रदेशभर में दिखा आस्था का रंग

देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली समेत कई जिलों में शिवालयों में विशेष पूजन और भजन संध्याएं आयोजित की गईं। भक्त “हर-हर महादेव” के जयकारों के साथ मंदिरों में पहुंचे और शिव आराधना में लीन रहे।

कांवड़ियों और प्रशासन की सक्रियता

इस अवसर पर कांवड़ियों ने भी अपनी आस्था व्यक्त की। गंगा जल लेकर पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचे भक्तों ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया। प्रशासन ने भी सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और चिकित्सा की विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।

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