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मुख्यमंत्री धामी ने ट्रैक्टर चलाकर किसानों से जोड़ा भावनात्मक रिश्ता, हरिद्वार की धन्यवाद रैली में दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

CM Dhami built an emotional bond with the farmers by driving a tractor, gave the message of self-reliance in the thanksgiving rally of Haridwar

हरिद्वार, जून 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिले के लिब्बरहेड़ी क्षेत्र में आयोजित धन्यवाद रैली में कुछ ऐसा किया जिसने किसानों से उनका जुड़ाव और गहरा कर दिया। मुख्यमंत्री धामी खुद ट्रैक्टर चलाकर रैली स्थल तक पहुंचे और ग्रामीण परिवेश से अपनी नजदीकी का संकेत दिया। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों के लिए भावनात्मक और प्रेरणादायक था, जिससे सभा में मौजूद किसानों में विशेष उत्साह देखा गया।

UCC के सफल क्रियान्वयन पर जनता का आभार

राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) को 27 जनवरी 2025 से लागू किया गया था। इसके शांतिपूर्ण क्रियान्वयन के बाद मुख्यमंत्री धामी राज्यभर में ‘धन्यवाद यात्राओं’ के माध्यम से जनता से संवाद कर रहे हैं। इन रैलियों के जरिए वह जनता को सरकार की नीतियों से अवगत कराने के साथ ही उनके समर्थन के लिए आभार भी जता रहे हैं।

ट्रैक्टर बना भावनात्मक प्रतीक

रविवार को नारसन क्षेत्र के महाराजा महेंद्र प्रताप स्नातक महाविद्यालय के खेल मैदान में जब मुख्यमंत्री धामी खुद ट्रैक्टर चलाते नजर आए, तो वहां उपस्थित किसानों और ग्रामीणों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “ट्रैक्टर सिर्फ एक वाहन नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत, आत्मनिर्भरता और सम्मान का प्रतीक है।” उन्होंने खुद को एक किसान परिवार से जुड़ा बताते हुए कहा कि वे खेतों की चुनौतियों को बखूबी समझते हैं।

किसानों के लिए योजनाओं की जानकारी भी साझा की

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि यंत्र अनुदान, जैविक खेती प्रोत्साहन और सिंचाई से जुड़ी नई परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य कृषि को लाभकारी बनाना है और युवाओं को कृषि आधारित स्टार्टअप्स की ओर प्रोत्साहित करना भी इसमें शामिल है।

राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट

धामी का यह कदम सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि विपक्ष को एक व्यावहारिक जवाब भी था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ग्रामीण जीवन से जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यों से यह दिखाया कि वे नीतियों के साथ-साथ जमीन से भी जुड़े हैं।

मुख्यमंत्री का यह प्रयास केवल एक जनसभा नहीं, बल्कि किसानों के साथ आत्मीय जुड़ाव का मजबूत संदेश था, जो भविष्य की राजनीति में उनके लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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