
उत्तराखंड में बुधवार का दिन तबाही लेकर आया। लंबे समय बाद मौसम ने अचानक करवट ली और राज्य के कई पहाड़ी जिलों में तेज बारिश और भारी ओलावृष्टि ने कहर बरपाया। चमोली और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में सड़कों पर मलबा आने से यातायात बाधित हो गया, जबकि कई वाहन मलबे के नीचे दब गए। वहीं, खेतों और बागों में लगी फसलें और फल पूरी तरह बर्बाद हो गए, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
चमोली के थराली में भारी तबाही, बाजारों में घुसा मलबा
सबसे ज्यादा नुकसान चमोली जिले के थराली क्षेत्र में देखने को मिला, जहां तेज बारिश के साथ आई आंधी ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। ग्वालदम, डुंगरी, तलवाड़ी और कुलसारी गांवों में मूसलधार बारिश से नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। थराली बाजार में बरसाती नाले के उफान से मलबा दुकानों में जा घुसा, जिससे कई दुकानों में हजारों का नुकसान हुआ। सड़कों पर मलबा फैल जाने से यातायात भी ठप हो गया। दर्जनों वाहन मलबे में दब गए। राहत कार्य में प्रशासन ने तत्परता दिखाई और त्वरित रूप से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया।
बेरीनाग में ओलावृष्टि से बागवानी को गहरा झटका
कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग क्षेत्र में तेज ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ओले गिरने से फलदार पेड़ों और खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सेब, नाशपाती, और आड़ू जैसे फलों से लदे पेड़ ओलों की मार से झुक गए या टूट गए, जबकि खेतों में लहलहाती सब्जियों और अनाज की फसलें भी बर्बाद हो गईं। किसानों ने बताया कि यह उनके लिए आर्थिक दृष्टि से बड़ा झटका है, क्योंकि मौसम में इस समय अच्छी पैदावार की उम्मीद थी।
मौसम विभाग ने फिर जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने पहले ही बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी कर दिया था, लेकिन इस कदर नुकसान की किसी को उम्मीद नहीं थी। राहत की बात यह रही कि अभी तक किसी तरह की जानमाल की हानि की सूचना नहीं मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को भी राज्य के सभी जिलों में बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में अगले 24 घंटे किसानों और स्थानीय लोगों के लिए फिर चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।