देहरादून /उत्तराखंड :देहरादूनत्तराखंड विधानसभा में प्रवर समिति की दूसरी बैठक हाल ही में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने की। इस बैठक में विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई, जो प्रदेश की नगर निकायों के आरक्षण से संबंधित संशोधन विधेयक के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
पहली बैठक 18 सितंबर को हुई थी, जिसमें कांग्रेस विधायक शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, इस दूसरी बैठक में भाजपा के विधायक खजान दास, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, कांग्रेस के ममता राकेश और हरीश धामी, और बीएसपी विधायक शहजाद अली ने भाग लिया।
इस प्रवर समिति को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक माह का समय दिया गया है, जिसका अंतिम समय सीमा 8 अक्टूबर है। समिति को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपनी है।
यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तराखंड सरकार ने मानसून सत्र के दौरान नगर निकायों के आरक्षण को तय करने के लिए संशोधन विधेयक पेश किया था। हालांकि, कुछ खामियों के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने “उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024” को प्रवर समिति के पास भेजने का निर्णय लिया था। इसके फलस्वरूप, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया गया।
प्रवर समिति की हालिया बैठक में सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों और ओबीसी आरक्षण पर महत्वपूर्ण चर्चाएं की, जिसमें उन्होंने अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सभी सदस्यों ने सक्रियता से अपने विचार साझा किए हैं, जो इस प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेंगे।
यह बैठक न केवल विधेयक के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ओबीसी आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्टता और सहमति स्थापित करने के लिए भी आवश्यक है। इस बैठक में तय हुआ कि आगामी 4 अक्टूबर को प्रवर समिति की अगली बैठक आयोजित की जाएगी। समिति के सदस्यों के सुझावों और विचारों को ध्यान में रखते हुए, यह अपेक्षित है कि आगामी बैठक में ठोस नतीजे सामने आएंगे।