
मसूरी: पहाड़ों की रानी में बजट को लेकर जनता में मिला-जुला रुख
शनिवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025 पर मसूरी में अलग-अलग विचार सामने आए। कांग्रेस ने बजट को निराशाजनक बताया, वहीं मध्यम वर्ग ने आयकर छूट की सीमा बढ़ाने पर संतोष जताया। लेकिन अधिकांश लोगों ने महंगाई नियंत्रण और टैक्स में अधिक राहत की कमी पर नाराजगी व्यक्त की।
इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंडिया और स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर सकारात्मकता
मसूरी के स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे और जलमार्गों में निवेश को देश के लिए फायदेमंद बताया। डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना जताई गई। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को मजबूत करने के लिए बजट आवंटन बढ़ाया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
रोजगार और कृषि क्षेत्र को लेकर उठे सवाल
हालांकि, कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त बजट आवंटन न होने पर लोगों ने निराशा जताई। किसानों का मानना है कि सरकार ने घोषणाएं तो की हैं, लेकिन व्यवहारिक रूप से ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बेरोजगारी को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई, क्योंकि बजट में कोई नई रोजगार योजना घोषित नहीं की गई।
महंगाई पर नियंत्रण के लिए ठोस कदमों की कमी
बजट में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष योजना नहीं दी गई, जिससे आम जनता चिंतित है। खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें पहले से ही लोगों की परेशानी बढ़ा रही हैं, लेकिन बजट में इसे नियंत्रित करने का कोई प्रभावी समाधान नहीं दिया गया।
मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत न मिलने से असंतोष
आयकर छूट सीमा में मामूली वृद्धि को सकारात्मक माना गया, लेकिन 12 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों के लिए कोई अतिरिक्त राहत न मिलने से लोग निराश दिखे। शहरी बेरोजगारी पर भी कोई ठोस कदम न उठाने को लेकर नाराजगी देखने को मिली।
महिला सशक्तिकरण और स्मार्ट सिटी योजनाओं को सराहा गया
महिलाओं के लिए विशेष ऋण योजनाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश को लेकर बजट की सराहना की गई। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की घोषणा को भी सकारात्मक कदम माना गया।
क्या बजट 2025 से उम्मीदें पूरी होंगी?
मसूरी के लोगों का कहना है कि यदि सरकार घोषित योजनाओं को सही तरीके से लागू करती है, तो यह बजट दीर्घकालिक रूप से देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में मददगार साबित हो सकता है। लेकिन महंगाई, रोजगार और टैक्स राहत की कमी जैसी समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि आम जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।