
देहरादून, 25 नवंबर 2024: प्रदेश में प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर आवास एवं शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मास्टर प्लान के कार्य में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई गई। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में मास्टर प्लान को शीघ्र लागू किया जाए और इससे जुड़ी बाधाओं को प्राथमिकता के साथ दूर किया जाए।
मंत्री ने कहा कि सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान का क्रियान्वयन आवश्यक है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 70 नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। हरिद्वार, नैनीताल, हल्द्वानी और रुड़की के मास्टर प्लान पर कार्य तेज़ी से चल रहा है, जबकि देहरादून, काशीपुर और रुद्रपुर में संशोधन की प्रक्रिया जारी है।
ऋषिकेश मास्टर प्लान पर विशेष जोर:
ऋषिकेश के मास्टर प्लान, जो 2019 में तैयार किया गया था लेकिन अब तक लागू नहीं हो सका, पर डॉ. अग्रवाल ने विशेष नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह मास्टर प्लान नगर के सुनियोजित विकास के लिए तैयार किया गया है और इसमें टूरिज्म, व्यापार, और परिवहन को प्राथमिकता दी गई है।
प्रमुख प्रस्ताव:
- आईएसबीटी और योगनगरी रेलवे स्टेशन: नए और भव्य आईएसबीटी का निर्माण, जो रेलवे स्टेशन के निकट होगा, यात्रियों के लिए सुविधा को बढ़ाएगा।
- फायर स्टेशन और आपदा प्रबंधन: मास्टर प्लान के तहत एक अत्याधुनिक फायर स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।
- ट्रेड कॉम्प्लेक्स और ट्रक टर्मिनल: पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों के लिए कृषि उत्पादों की कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।
- संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा: चंद्रभागा और लक्ष्मणझूला को जोड़ने के लिए नया ब्रिज और नीलकंठ रोपवे का निर्माण।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं न केवल नगर के विकास को गति देंगी बल्कि स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को आर्थिक लाभ भी पहुंचाएंगी।
बैठक में उपस्थित अधिकारी:
सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम, चीफ टाउन प्लानर शालू थिंड, अपर आयुक्त पीसी दुमका, और अधीक्षण अभियंता हरीश चंद राणा ने योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी।
डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करें और ऋषिकेश को आधुनिक विकास का मॉडल बनाएं।