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Uttarakhand: रहस्यमयी धारी देवी मंदिर, जहां देवी दिन में बदलती हैं अपना स्वरूप – जानिए इसकी अद्भुत महिम

Mysterious Dhari Devi Temple, where the Goddess changes her form during the day – know its amazing glory

श्रीनगर: उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में स्थित धारी देवी मंदिर एक प्रसिद्ध और पवित्र सिद्धपीठ है, जिसे ‘दक्षिणी काली माता’ के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है, और इसे चारधाम की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। धारी देवी मंदिर की एक अनूठी मान्यता है कि माता दिन में तीन रूप बदलती हैं—सुबह कन्या, दोपहर में युवती और शाम को वृद्धा के रूप में। यह विशेषता इस मंदिर को और भी अद्वितीय बनाती है, और हजारों श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए आते हैं।

मंदिर का नाम पास के द्वापरकालीन ‘धार गांव’ के नाम पर पड़ा, जबकि शास्त्रों में इसे ‘दक्षिण काली मां कल्याणी’ कहा गया है। मान्यता है कि काली देवी का अवतार कालीमठ के कालीशिला में हुआ था, और भगवान भोलेनाथ ने इसी स्थान पर उनके रौद्र रूप को शांत किया था। इसी ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक मान्यता के कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

मां धारी देवी के स्वरूप और उनके चमत्कारिक अनुभवों को लेकर एक और महत्वपूर्ण कथा जुड़ी है। बताया जाता है कि आदिगुरु शंकराचार्य जब इस स्थान से गुजरे थे, तब मां शक्ति ने वृद्धा रूप में उन्हें जलपान कराया, जिसके बाद वे स्वस्थ होकर अपनी यात्रा पर आगे बढ़ सके। इस घटना के बाद शंकराचार्य महादेवी के उपासक बन गए।

2013 की भीषण केदारनाथ आपदा के बाद धारी देवी मंदिर सुर्खियों में आया। उस समय मंदिर को शिफ्ट करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसके तुरंत बाद आई आपदा को माता के मंदिर को हटाने से जोड़ा गया। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मां धारी देवी चारधाम यात्रा की रक्षा करती हैं और उनके आशीर्वाद से भक्त सुरक्षित यात्रा कर पाते हैं।

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