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केंद्र सरकार का ऐतिहासिक कदम: सोयाबीन, कपास किसानों को राहत और सब्जी उत्पादकों के लिए मॉडल दर तय होगी

Historic step of the Central Government: Relief to soybean, cotton farmers and model rates will be fixed for vegetable producers

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्णय लिए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इस निर्णय के तहत उन किसानों के बैंक खातों में 5,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि डाली जाएगी, जिनकी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दर पर बिकी हैं।

सोयाबीन और कपास किसानों को राहत

सरकार ने सोयाबीन की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में भी ढील दी है। अब सोयाबीन में नमी की स्वीकार्य मात्रा 12% से बढ़ाकर 15% कर दी गई है। इसके अलावा, मलेशिया और इंडोनेशिया से आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 27.5% कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में सोयाबीन की मांग बढ़ाकर किसानों को उचित मूल्य दिलाना है।

भावांतर भुगतान योजना में सुधार

कृषि मंत्री ने भावांतर भुगतान योजना के तहत एमएसपी और वास्तविक बिक्री मूल्य के बीच अंतर को भरने की बात कही। इससे किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह योजना सरकार को अधिक लचीलापन देती है कि वह सीधे फसल खरीद करे या अंतर की राशि किसानों के खातों में जमा करे।

आलू, प्याज, टमाटर के लिए मॉडल दर

आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करने का फैसला भी किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) इन फसलों की उत्पादन लागत पर 50% लाभ जोड़कर मॉडल दर तय करेगा। इस कदम से सब्जी उत्पादकों को खुदरा कीमतों में गिरावट के दौरान नुकसान से बचाया जा सकेगा। साथ ही, केंद्र सरकार इन फसलों के परिवहन लागत का बोझ भी उठाएगी।

किसानों के लिए बड़ी राहत: अशोक बालियान

पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने केंद्र सरकार के इन कदमों की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय किसान हित में ऐतिहासिक है। उन्होंने बताया कि 24 सितंबर 2024 को किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ हुई वार्ता में इन मांगों को रखा गया था। बालियान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह निर्णय किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मील का पत्थर साबित होगा।

केंद्र सरकार के ये निर्णय कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। इससे न केवल किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

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