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World Hypertension Day 2025: हाई ब्लड प्रेशर बना साइलेंट किलर, जानिए बचाव के उपाय

High blood pressure has become a silent killer, know the preventive measures

नई दिल्ली – बदलती जीवनशैली और बढ़ते मानसिक तनाव के बीच हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिन लोगों को हाइपरटेंशन से जुड़ी जानकारी देने, इसके खतरे और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जाता है।

30 से 79 वर्ष के लोग सर्वाधिक प्रभावित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 30 से 79 वर्ष की आयु के करीब 1.28 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग विकासशील देशों से आते हैं। चिंता की बात यह है कि लगभग 46 प्रतिशत लोग अपनी इस स्थिति से अनजान हैं और केवल 42 प्रतिशत लोग ही उपचार ले रहे हैं। यह स्थिति हृदय रोग, किडनी फेलियर, स्ट्रोक और यहां तक कि अंधेपन जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है।

हाई बीपी के प्रमुख कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक नमक का सेवन, मानसिक तनाव, नशीली दवाएं, अधिक शराब पीना, मोटापा, जेनेटिक फैक्टर और फिजिकल इनएक्टिविटी हाई ब्लड प्रेशर के प्रमुख कारण हैं। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रूपेश चौधरी का कहना है कि मानसिक समस्याएं भी बीपी को बढ़ा सकती हैं, और दवाओं के अत्यधिक सेवन से स्थिति और बिगड़ सकती है।

लक्षणों को न करें नजरअंदाज

डॉ. स्वाति बताती हैं कि हाई बीपी अक्सर बिना लक्षणों के होता है, इसलिए इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधला दिखना या सीने में दर्द जैसे लक्षण भी संकेत हो सकते हैं, जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए।

कितना होना चाहिए सामान्य ब्लड प्रेशर?
  • सामान्य बीपी: 120/80 mmHg
  • थोड़ा बढ़ा हुआ: 120/80 से 129/79 mmHg
  • हाई बीपी फेज 1: 130/80 से 139/89 mmHg
  • हाई बीपी फेज 2: 140/90 mmHg या अधिक
  • हाइपरटेंसिव क्राइसिस: 180/120 mmHg से ऊपर (तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें)
कैसे करें बचाव?

हाई बीपी से बचने के लिए कम नमक का सेवन, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और समय-समय पर ब्लड प्रेशर जांच जरूरी है। सही जीवनशैली और नियमित दवा से हाई बीपी को नियंत्रित किया जा सकता है और इससे होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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