
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इन दिनों गंभीर जल संकट से जूझ रही है। डीएल रोड, करनपुर, नालापानी चौक और डीबीसी पीजी कॉलेज क्षेत्र समेत कई इलाकों में लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। सुबह-शाम पानी की आपूर्ति बाधित हो चुकी है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस जल संकट के खिलाफ उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने मोर्चा खोलते हुए जल निगम कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने खाली बर्तन लेकर नारेबाजी की और जल जीवन मिशन के तहत चल रही पेयजल परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
मोर्चा ने जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने कहा कि जल जीवन मिशन की करोड़ों की योजनाएं पूरी तरह विफल हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल निगम अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों और बाहरी कंपनियों को मनमाने ढंग से ठेके दिए गए, लेकिन योजनाएं ज़मीन पर सफल नहीं हो पाईं।
हरियाणा की कंपनी को करोड़ों के प्रोजेक्ट
डिमरी ने खुलासा किया कि गढ़वाल मंडल में लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से 44 पेयजल योजनाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें से हरियाणा की एक कंपनी को अकेले 372 करोड़ रुपये के 17 प्रोजेक्ट दिए गए हैं। उन्होंने स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी और बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के पीछे साजिश की आशंका जताई।
एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन
प्रदर्शन के दौरान मौके पर पहुंचीं एसडीएम स्मिता परमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें दोषी अधिकारियों के निलंबन और खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की गई।
राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
इस आंदोलन में देहरादून ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से भी लोग शामिल हुए। सभी ने जल जीवन मिशन की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सरकार की कार्यशैली पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान हालात सरकार की विफलता को दर्शाते हैं।
देहरादून जैसे शहर में यह संकट गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया तो यह मुद्दा और अधिक गंभीर रूप ले सकता है।