Almora:सल्ट कालीगाड़ के ग्रामीणों ने बनाया अपना भू कानून, बाहरी व्यक्तियों पर जमीन खरीदने पर रोक
Almora: Villagers of Salt Kaligad made their own land law, outsiders banned from buying land

अल्मोड़ा: जिले के सल्ट कालीगाड़ गांव के निवासियों ने बाहरी व्यक्तियों को अपनी जमीन बेचने पर रोक लगाने के लिए अपना भू कानून बना लिया है। गांव के प्रवेश द्वार पर इस फैसले की जानकारी देते हुए बोर्ड लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम उनकी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि हाल के वर्षों में पहाड़ों पर अंधाधुंध जमीन की खरीद-फरोख्त से पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने लिया सर्वसम्मत निर्णय
गांव के लोगों का मानना है कि पहाड़ों पर जमीन बेचने के कारण भू-माफिया न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली भी खतरे में है। कालीगाड़ गांव के ग्राम प्रधान मंजू कांडपाल के पति परम कांडपाल ने बताया कि ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब गांव में बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकते, और यदि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश करता है, तो उसका सत्यापन अनिवार्य होगा।
ग्रामीणों का उद्देश्य: पर्यावरण और संस्कृति की रक्षा
ग्रामीणों का कहना है कि इस कदम से न केवल पलायन पर रोक लगेगी, बल्कि गांव से बाहर चले गए लोगों को वापस बुलाने की भी योजना है। गांव के लोग मानते हैं कि इस फैसले से उनकी प्राकृतिक धरोहरों और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदकर पहाड़ों के वातावरण को बिगाड़ने की प्रक्रिया पर भी रोक लगेगी।
सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
तहसीलदार आबिद अली ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है, और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए बोर्ड में यह साफ लिखा गया है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति पहचान छुपाकर जमीन नहीं खरीद सकता। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जाएगी, और किसी भी अवैध गतिविधि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि काश्तकार अपनी जमीन बेचना चाहें तो उन्हें कोई रोक नहीं है, लेकिन अगर किसी पर दबाव डालकर जमीन की खरीद-फरोख्त की जाती है, तो कार्रवाई होगी।
ऐसे फैसले अन्य गांवों में भी
यह कदम उत्तराखंड के अन्य गांवों में भी उठाया जा रहा है। इससे पहले, टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के ग्रामीणों ने भी ऐसा ही फैसला लिया था, जहां बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन खरीदने पर रोक लगाई गई है। वहाँ भी मुख्य द्वार पर बोर्ड लगाकर बिचौलियों को जमीन बेचने से रोकने के लिए चेतावनी दी गई है।
कालीगाड़ गांव में 600 लोगों की आबादी है और यह गांव करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बसा है। इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थानीय संसाधनों और संस्कृति को सुरक्षित रखना है, बल्कि बाहरी हस्तक्षेप से भी ग्रामीण समाज को बचाए रखना है।